समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 7 जुलाई – महाराष्ट्र में भाषा राजनीति को लेकर बढ़ते तनाव के बीच शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने राज्य में वैचारिक टकराव को फिर से भड़का दिया है। इस वीडियो में बाल ठाकरे कहते हैं,”मैं महाराष्ट्र में मराठी हो सकता हूँ , लेकिन भारत में हिंदू हूँ ।”
यह बयान उनके हिंदुत्ववादी विचारधारा को भाषाई पहचान से ऊपर रखने का स्पष्ट संकेत है ।
"I may be Marathi in Maharashtra but I am Hindu in Bharat. We must embrace Hindutva over linguistic identities"
Balasaheb Thackeray
pic.twitter.com/KRrMVkGpYc— Kashmiri Hindu (@BattaKashmiri) July 5, 2025
वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई में एक साथ ‘विजय रैली’ की। यह रैली महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के आदेश को वापस लेने के निर्णय के बाद आयोजित की गई थी।
दो दशकों बाद एक मंच पर ठाकरे बंधु दिखे ,करीब 20 साल बाद एक मंच पर दिखे ठाकरे बंधुओं ने स्पष्ट रूप से हिंदी थोपे जाने के खिलाफ साझा मोर्चा खोल दिया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा, “हम बीजेपी को महाराष्ट्र पर हिंदी थोपने नहीं देंगे।” वहीं राज ठाकरे ने और तीखा बयान देते हुए चेतावनी दी, “महाराष्ट्र को छूकर तो देखो, क्या होता है देख लेना।”
भाषा आदेश और विवाद की पृष्ठभूमि
विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पहली से पाँचवी कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य कर दिया। भारी विरोध के बाद आदेश में संशोधन किया गया, जिसमें यह कहा गया कि यदि 20 छात्र हिंदी नहीं पढ़ना चाहें तो वे इससे बाहर हो सकते हैं। लेकिन शिक्षाविदों ने इस प्रावधान को “अव्यवहारिक” बताया।
हिंसा और गिरफ़्तारी
हालांकि आदेश को वापस ले लिया गया, लेकिन राज्यभर में प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं।
मुंबई में मनसे कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को मराठी न बोलने पर पीटा। पुणे में भी एक व्यक्ति के साथ मारपीट हुई।
यहाँ तक कि उद्धव सेना के एक सांसद के कार्यालय से जुड़े वीडियो में कर्मचारियों को थप्पड़ मारते देखा गया।
इन घटनाओं में कुल सात लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन सभी को तुरंत जमानत मिल गई, जिससे जनता में आक्रोश और बढ़ गया।
राजनीतिक रणनीति और बीजेपी पर निशाना -बीजेपी शासित महायुति सरकार अब दिल्ली की भाषा नीति और महाराष्ट्र की क्षेत्रीय भावनाओं के बीच फँसी हुई नजर आ रही है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा की निंदा की और सख्त कार्रवाई की माँग की, लेकिन यह भी जोड़ा,”मराठी को महाराष्ट्र में सम्मान मिलना चाहिए।”
ठाकरे विरासत और वोट बैंक की लड़ाई
उद्धव ठाकरे जहाँ अब भी सीएम एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना की असली विरासत को लेकर लड़ रहे हैं, वहीं राज ठाकरे लंबे चुनावी ठहराव के बाद फिर से भूमिपुत्रों की राजनीति को धार दे रहे हैं।
दोनों ठाकरे बंधु अब एक साथ हिंदुत्व और मराठी अस्मिता के मुद्दों को आधार बनाकर बीजेपी के खिलाफ जनमत तैयार करने की कोशिश में जुटे हैं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.