समग्र समाचार सेवा
महाराष्ट्र, 17 नवंबर:
रविवार, 17 नवंबर को शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की 12वीं पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र में श्रद्धांजलि सभाओं और राजनीतिक बयानबाजियों का दौर देखने को मिला। इस अवसर पर शिवसेना के दोनों खेमों—मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT)—के बीच पोस्टर वॉर छिड़ गया।
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देते हुए कहा,
“बालासाहेब सिर्फ शरीर से हमसे दूर हुए हैं, लेकिन उनके विचार आज भी हमारे साथ हैं। महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक लड़ाई बालासाहेब के विचारों और मराठी स्वाभिमान की रक्षा के लिए है। उन्होंने महाराष्ट्र धर्म और न्याय के लिए शिवसेना की स्थापना की थी, जिसे हम किसी भी कीमत पर नहीं भूल सकते।”
राउत ने आगे कहा कि महाराष्ट्र का स्वाभिमान और अधिकार छिनने की कोशिश हो रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस पुण्यतिथि पर बालासाहेब के विचारों को आत्मसात करने और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
मणिपुर में जारी हिंसा पर संजय राउत ने केंद्र सरकार और देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथों लेते हुए कहा,
“मणिपुर में हिंसा बढ़ रही है और हालात बेकाबू हैं। फडणवीस और उनकी पार्टी के नेताओं को वहां जाकर स्थिति संभालनी चाहिए। पाकिस्तान में तिरंगा लहराने की बातें करने से पहले मणिपुर में शांति स्थापित की जाए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक चुनाव के बयान को लेकर राउत ने पलटवार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री केवल झूठ बोलते हैं।
“2014 से लेकर अब तक मोदी जी ने सच क्या बोला है? उनके बयानों की जांच होनी चाहिए। इस कार्यकाल में केवल झूठ ही झूठ बोला गया है।”
बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि के मौके पर शिंदे गुट और उद्धव गुट ने अपने-अपने विज्ञापनों के जरिए एक-दूसरे पर तीखा हमला किया। शिंदे गुट ने बालासाहेब के विचारों पर अपने दावे को मजबूत करने की कोशिश की, जबकि उद्धव गुट ने बालासाहेब की विरासत की सच्ची रक्षा का संदेश दिया।
इस स्मृति दिवस पर शिवसेना के भीतर चल रही राजनीतिक खींचतान ने एक बार फिर से बालासाहेब की विरासत के इर्द-गिर्द सियासत को गरमा दिया है।
पुलिस मामले की जाँच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन दिया गया है।
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