अमित शाह ने वाव–थराद में बनास डेयरी के बायो-सीएनजी, खाद संयंत्र का उद्घाटन किया

24 हजार करोड़ के कारोबार तक पहुँची बनास डेयरी को सहकारिता का राष्ट्रीय आदर्श बताया; महिलाओं के योगदान को कहा सबसे बड़ा आधार

  • गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वाव–थराद में बायो-सीएनजी, खाद संयंत्र का उद्घाटन और 150 टन दूध पाउडर संयंत्र का शिलान्यास किया।
  • कहा-सर्कुलर अर्थव्यवस्था से पशुपालकों की आय 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ेगी।
  • बनासकांठा और मेहसाणा में जल-संचय से आई समृद्धि पर विश्वविद्यालयों से विस्तृत शोध कराने की घोषणा।
  • श्वेत क्रांति 2.0 को राष्ट्रीय गोकुल मिशन, पशु पालन अवसंरचना निधि, पुनर्गठित राष्ट्रीय डेयरी योजना और पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम से मजबूत बताया।

समग्र समाचार सेवा
वाव–थराद (गुजरात), 06 दिसम्बर:गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुजरात के वाव–थराद क्षेत्र में बनास डेयरी द्वारा स्थापित नवनिर्मित बायो-सीएनजी तथा खाद संयंत्र का उद्घाटन किया तथा 150 टन दूध पाउडर संयंत्र का शिलान्यास किया। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि तथा सहकारिता क्षेत्र के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

अमित शाह ने कहा कि गलबाभाई नानजीभाई पटेल द्वारा शुरू की गई बनास डेयरी की यात्रा आज ऐसी ऊँचाई पर पहुँच चुकी है कि 24 हजार करोड़ रुपए का कारोबार स्वयं ग्रामीण सहकारिता की शक्ति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि गुजरात की माताओं–बहनों की मेहनत ने इस क्षेत्र को समृद्ध बनाया और हर सप्ताह दूध का पूरा मूल्य सीधे उनके बैंक खातों में पहुँच रहा है—यही सच्चा सशक्तिकरण है।

शाह ने बताया कि वर्ष 1985–87 के अकाल के बाद जहाँ किसान साल में एक फसल लेते थे, वहीं आज बनासकांठा का किसान तीन फसलें उगा रहा है। उन्होंने कहा कि सुजलाम–सुफलाम योजना के तहत नर्मदा और माही का अतिरिक्त जल पहुँचने से यह क्षेत्र खेती और पशुपालन में अग्रणी बना है।

उन्होंने कहा कि बनासकांठा और मेहसाणा में जल-संचय व जल के द्वारा आई समृद्धि पर दो विश्वविद्यालयों को विस्तृत शोध का दायित्व सौंपा गया है, ताकि ग्रामीण परिवर्तन का यह इतिहास स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो सके।

अमित शाह ने कहा कि बनास डेयरी आज एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक सहकारिता है, और इसकी प्रेरणा उन हजारों महिलाओं से आती है जिन्होंने दूध संग्रहण से लेकर उत्पादन तक की पूरी प्रक्रिया को ईमानदारी से निभाया।


उन्होंने कहा कि अब समय है कि डेयरियाँ केवल दूध, दही और पनीर तक सीमित न रहें, बल्कि उच्च मूल्य वाले उत्पादों का निर्माण करें जिनकी अंतरराष्ट्रीय माँग अधिक है। इसके लिए उन्होंने अमूल संचालक मंडल को ऐसे उत्पादों की सूची सौंपी है जिनसे पशुपालकों को अधिक लाभ मिलेगा।

शाह ने कहा कि अब गोबर का एक ग्राम भी व्यर्थ नहीं जाएगा—उसी से जैविक खाद, बायो-गैस, बिजली और बायो-सीएनजी तैयार होगी। यह संपूर्ण चक्रीय अर्थव्यवस्था पशुपालकों की आय को कम से कम 20 प्रतिशत तक बढ़ा देगी, चाहे दूध की मात्रा वही रहे।

उन्होंने कहा कि पशु आहार भी अब सहकारी स्तर पर ही बनेगा, उसका लाभ भी सीधे बहनों के खातों में जाएगा। साथ ही तीन नई राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं—बीज उत्पादन, जैविक उत्पाद विपणन और कृषि निर्यात—को किसानों के लिए नई ताकत बताया।


अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बनाए संविधान ने दलित, गरीब, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को सम्मानपूर्वक जीवन का अधिकार दिया है।

उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित बड़े लक्ष्यों के साथ अवश्य सफल होगी, क्योंकि इसके चार सशक्त स्तंभ—राष्ट्रीय गोकुल मिशन, पशु पालन अवसंरचना निधि, पुनर्गठित डेयरी योजना और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम—एक साथ मिलकर ग्रामीण समृद्धि का आधार बन रहे हैं।

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