समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जुलाई। बांग्लादेश ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बांग्लादेश के लोगों को शरण देने की टिप्पणी पर ऐतराज जताया है। ढाका ने भारत को एक औपचारिक राजनयिक संदेश भेजा है, जिसमें बांग्लादेश सरकार ने ममता बनर्जी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है। बनर्जी ने हाल ही में पड़ोसी देश से आने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को शरण देने की पेशकश की थी।
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच ममता बनर्जी की यह टिप्पणी की गई थी। बांग्लादेश ने इस टिप्पणी को लेकर भारत सरकार को अपने असंतोष से अवगत कराया है, और कहा है कि इस टिप्पणी से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और लोगों को गुमराह किया जा सकता है।
विदेश मंत्री हसन महमूद की टिप्पणी
बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा, “हम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति पूरे सम्मान के साथ कहना चाहेंगे कि हमारे बीच गहरे संबंध हैं। हालांकि, उनकी टिप्पणियों से कुछ हद तक भ्रम की स्थिति पैदा हुई है और इससे लोग गुमराह हो सकते हैं। हमने इस मुद्दे पर भारत सरकार को एक पत्र लिखा है।”
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन
ममता बनर्जी ने यह टिप्पणी बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के संदर्भ में की थी, जिसमें 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। केंद्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
विदेश मंत्रालय की पुष्टि
बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बुधवार को पुष्टि की थी कि उनके मंत्रालय ने भारतीय पक्ष को इस मुद्दे पर एक कूटनीतिक नोट भेजा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को पुष्टि की कि भारत को बांग्लादेश की ओर से यह संदेश मिला है। उन्होंने कहा कि संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत विदेशी मामलों का संचालन और संघ को किसी अन्य देश के साथ संबंध में लाने वाले सभी मामले केंद्र सरकार के विशेषाधिकार हैं।
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