अगरतला-अखौरा रेलवे लिंक परियोजना वर्ष 2020 तक पूरा करने के बारे में विचार-विमर्श हुआ
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त सुश्री रीवा गांगुली दास ने आज केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र के साथ मुलाकात की। इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग के सचिव डॉ. इंद्रजीत सिंह और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान, चल रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई। अगरतला-अखौरा रेलवे लिंक (बांग्लादेश) परियोजना को वर्ष 2020 तक पूरा करने के बारे में भी अन्य मुद्दों के साथ-साथ विचार-विमर्श किया गया।
इस परियोजना की लागत 972.52 करोड़ रुपये है, जिसे भारत की ओर से पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय तथा बांग्लादेश की तरफ से उसके विदेश मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। यह परियोजना अगरतला को अखौरा में बांग्लादेश रेलवे नेटवर्क से जोड़ेगी। एक बार चालू होने के बाद, इस परियोजना से कोलकाता और अगरतला के बीच यात्री और माल की आवाजाही में लगने वाले समय में कमी आएगी। इस परियोजना में भारतीय पक्ष की लंबाई 5.46 किमी और बांग्लादेश की ओर से 6.5 किमी है। रेलवे का सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम इरकॉन भारत की ओर से कार्य निष्पादन एजेंसी है जबकि बांग्लादेश रेलवे की ओर से यह जिम्मेदारी परियोजना प्रबंधन सलाहकार पर है।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद कोलकाता से अगरतला (वाया गुवाहाटी) की रेल यात्रा का समय और दूरी जो पहले 38 घंटे और 1500 किमी थी अब घटकर 15 घंटे और 500 किलोमीटर रह जाएगी। कोलकाता और ढाका के बीच मैत्री एक्सप्रेस पहले से ही चल रही है जिसे अगरतला तक बढ़ाया जा सकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
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