समग्र समाचार सेवा
लखनऊ/बरेली, 4 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश की सियासत में बरेली हिंसा का मुद्दा गरमा गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने शनिवार को आरोप लगाया कि बरेली जाने से पार्टी प्रतिनिधिमंडल को रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर को “आई लव मोहम्मद” पोस्टर विवाद के बाद हुई झड़प को पुलिस ने गलत ढंग से पेश किया और हालात को और बिगाड़ा।
माता प्रसाद पांडे ने कहा, “हमें बरेली जाने से रोका जा रहा है। यह सांप्रदायिक दंगा नहीं था, बल्कि पुलिस ने ही कानून-व्यवस्था को बिगाड़ा। प्रशासन पक्षपाती हो गया है। एक समुदाय को डरा-धमकाकर झूठे केस लगाए जा रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन के रवैये से एक समुदाय भयभीत है। “अगर दो समुदायों के बीच टकराव होता तो स्थिति गंभीर होती, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट जवाब नहीं दिए। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अन्याय हुआ है। एक को आरोपी बनाया जा रहा है और चार को गिरफ्तार किया जा रहा है। यह डराने की साज़िश है।”
शंकराचार्य की प्रतिक्रिया
हिंसा और विवाद पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “आई लव मोहम्मद, आई लव महादेव” विवाद असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है। महादेव की पूजा होती है, उन पर ‘लव’ शब्द का इस्तेमाल अपमान है। यह महादेव का अनादर है।”
प्रशासन की सख्ती और इंटरनेट बंद
बरेली प्रशासन ने हालात काबू में रखने के लिए 2 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद कर दीं।
शुक्रवार की नमाज़ के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था। इसके बाद एहतियातन पुलिस ने कई जिलों में फ्लैग मार्च भी किया।
कानपुर में स्थिति सामान्य रही। एसीपी अशुतोष कुमार सिंह ने कहा, “यहां शांति है, हर जगह पुलिस तैनात है। किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई।”
गिरफ्तारियां और साजिश का खुलासा
पुलिस ने अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के राष्ट्रीय महासचिव नफीस खान और उनके बेटे फर्मान खान भी शामिल हैं।
एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने बताया कि फर्मान आईएमसी का फेसबुक पेज चलाता था और पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि “हर कोई इस साजिश में शामिल था।”
बरेली की घटना पर जहां विपक्ष सरकार और पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है, वहीं प्रशासन और पुलिस इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम बता रहे हैं। यह विवाद अब सियासी रंग भी ले चुका है और आने वाले दिनों में और गरमा सकता है।
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