भारतीय परंपरा में रचा-बसा योग: मनोहर लाल के नेतृत्व में जंतर मंतर पर दिखा संस्कृति का संगम

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली के संसद मार्ग स्थित ऐतिहासिक जंतर मंतर परिसर में एक विशेष योग सत्र का आयोजन हुआ। इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व केंद्रीय विद्युत, आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल जी ने किया। इस आयोजन में मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख, और बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए।

भारतीय संस्कृति की झलक के साथ योग

कार्यक्रम की सबसे विशेष बात यह रही कि प्रतिभागियों ने पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में योगाभ्यास किया। मंत्री श्री मनोहर लाल जी स्वयं पारंपरिक परिधान में योग करते दिखाई दिए, जिससे न केवल योग की आध्यात्मिक गरिमा बढ़ी, बल्कि भारतीय संस्कृति के सम्मान और गौरव का संदेश भी प्रसारित हुआ।

योग: जीवनशैली और परंपरा का संगम

अपने संबोधन में श्री मनोहर लाल ने योग को भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा का अमूल्य उपहार बताते हुए कहा कि “भारतीय वेशभूषा में योग करने से हम केवल अपने शरीर और मन को स्वस्थ नहीं करते, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों से भी गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि योग से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को लाभ होता है, बल्कि यह समाज में पर्यावरणीय संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

सामूहिक सहभागिता से योग का उत्सव

इस विशेष सत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंत्री महोदय के नेतृत्व में सभी ने मिलकर सामूहिक योगाभ्यास किया और एकजुट होकर यह संदेश दिया कि स्वास्थ्य और संस्कार दोनों को साथ लेकर चलना ही भारत की असली पहचान है।

दैनिक जीवन में योग को अपनाने का आह्वान

कार्यक्रम के अंत में श्री मनोहर लाल जी ने उपस्थित सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे योग को केवल एक दिवस तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी दैनिक दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि नियमित योग न केवल तन-मन को स्वस्थ रखता है, बल्कि समाज में समरसता और संस्कार की भावना को भी प्रबल करता है।

 

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