समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26अक्टूबऱ। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बाल यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर मोटरसाइकिल पर 4 साल या उससे कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी स्पीड 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह भी कहा कि अगर बाइक चलाने वाला चालक 9 महीने से 4 साल तक के बच्चे को मोटरसाइकिल के पीछे बिठा रहा है, तो वह बच्चे को क्रैश हेलमेट जरूर पहनाए ताकि किसी भी अप्रिय घटना से समय रहते बचा जा सके।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019, दिनांक 09.08.2019 द्वारा संशोधित किया गया है। इस धारा में दूसरा प्रावधान यह है कि केन्द्र सरकार नियमों द्वारा मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाये जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है।
मंत्रालय ने जीएसआर 758(ई) दिनांक 21 अक्टूबर, 2021 के तहत मसौदा नियम बनाए हैं, जिसमें निम्नलिखित सिफारिशें की गई हैं –
चार साल से कम आयु के बच्चों को मोटरसाइकिल चालक के साथ अटैच करने के लिए सुरक्षा उपकरण का उपयोग किया जाएगा।
चालक यह सुनिश्चित करेगा कि उसके पीछे बैठे 09 महीने से 4 वर्ष तक की आयु के बच्चे अपना क्रैश हेलमेट पहने हो जो उसके सिर पर फिट बैठता हो या उन्होंने ऐसा मोटरसाइकिल हेलमेट पहना हो जो भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित विनिर्देशों [एएसटीएम 1447]/ [यूरोपीय (सीईएन) बीएस ईएन 1080/ बीएस ईएन 1078] का अनुपालन करता हो।
चार साल तक की आयु के बच्चे को पिलियन के रूप में ले जाने वाली मोटरसाइकिल की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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