समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 जुलाई।पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए व्यापक हिंसा के बीच शनिवार को मतदान जारी है.दक्षिण 24 परगना के बासंती में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या का मामला सामने आया है. इसके साथ ही मतदान के दौरान मृतकों की संख्या बढ़कर दस हो गई है. तृणमूल के प्रत्याशी के रिश्तेदार की हत्या का आरोप निर्दलीय प्रत्याशी पर लगा है. आरोप है बम फेंककर मर्डर किया गया. इससे पहले मुर्शिदाबाद के लालगोला में CPIM कार्यकर्ता की हत्या हो गई.बताया जा रहा है कि पोलिंग बूथ के पास ही कांग्रेस कार्यकर्ता के ऊपर तृणमूल के कार्यकर्ताओं हमला कर दिया और जब तृणमूल कार्यकर्ताओ को रोकने की कोशिश की तो रोशन अली नाम के एक CPIM कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए. उन पर लाठी डंडो से हमला किया गया .घायल को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में ले जाते उसकी वक़्त मौत हो गई है.
चुनावी हिंसा में मुर्शिदाबाद में दो और कूच बिहार, पूर्वी बर्दवान, मालदा और नादिया जिलों में एक-एक लोगों की मौत हुई है. जी मीडिया संवाददाता ने बताया कि कूचबिहार के फालिमारी में बीजेपी पोलिंग एजेंट की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कूचबिहार के बक्शीरहाट में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या हुई है. वहीं, मुर्शिदाबाद के नौदा में कांग्रेस कार्यकर्ता रमजान शेख की हत्या कर दी गई.
मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या का मामला सामने आया है. मुर्शिदाबाद के खड़ग्राम में एक तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या हुई है. मालदा के मणिकचौक में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या हुई है. पूर्वी बर्दवान में एक सी.पी.एम. कार्यकर्ता की हत्या की जानकारी मिली है. नदिया के चापड़ा में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या की सूचना है.
झड़प में कई लोग घायल
इसके अलावा राज्य भर में हुई झड़पों में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. घायलों की सही-सही संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है. 8 जून को मतदान की तारीखों की घोषणा के बाद से अब तक चुनाव संबंधी हिंसा में कम से कम 25 लोग मारे जा चुके हैं. विभिन्न इलाकों से बड़े पैमाने पर हिंसा, बमबारी और गोलीबारी की खबरें आ रही हैं.
बीजेपी ने ममता बनर्जी को ठहराया जिम्मेदार
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में कहा कि TMC के लोग और पुलिस की मिलीभगत है. इसलिए इतनी हत्या हो रही हैं.ममता बनर्जी हिंसा के लिए ज़िम्मेदार है.
मतपत्र भी लूटे गए
राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा सुबह 7.30 बजे मतदान शुरू होने से लेकर सुबह 10.20 बजे तक अपने कार्यालय से गायब रहे. भारी आलोचनाओं के बाद आखिरकार वह सुबह 10.20 बजे के बाद मध्य कोलकाता स्थित अपने कार्यालय पहुंचे और मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब दिए बिना अंदर चले गए. विशेष रूप से मुर्शिदाबाद और कूचबिहार जिलों में कई मतदान केंद्रों पर मतपेटियों और मतपत्रों की बड़े पैमाने पर लूटपाट हुई और उन्हें नष्ट किया गया. अधिकांश स्थानों पर केंद्रीय सशस्त्र बल के जवान बूथों पर नहीं दिखे. वहां मौजूद राज्य पुलिस के जवान और मतदान कर्मी मूकदर्शक बने रहे और आपराधिक गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहीं. राज्य चुनाव आयोग और पुलिस ने अभी तक हिंसा पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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