समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 जुलाई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 75 साल की उम्र में पद छोड़ने के कथित बयान ने सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए चुटकी ली कि भागवत का यह बयान पीएम मोदी के लिए भी इशारा है कि वह भी जल्द ही 75 पार करने वाले हैं।
भागवत का संदर्भ और नागपुर वाला मंच
दरअसल, बुधवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने संघ विचारक मोरोपंत पिंगले का हवाला देते हुए कहा था कि जब 75 साल की उम्र पूरी होने पर किसी के कंधे पर शॉल डाली जाती है, तो उसका मतलब है कि अब जिम्मेदारी युवाओं को सौंप दीजिए। भागवत के इस कथन ने राजनीति में नए कयासों को जन्म दे दिया कि क्या संघ भी अपने भीतर नेतृत्व में उम्र की सीमा को लेकर गंभीर है।
कांग्रेस ने कहा पीएम भी याद रखें
जयराम रमेश ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘‘बेचारे अवार्ड-जीवी प्रधानमंत्री! कैसी घर वापसी है यह? विदेश दौरे से लौटते ही सरसंघचालक ने याद दिला दिया कि 17 सितंबर 2025 को वह 75 साल के हो जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री भी सरसंघचालक से कह सकते हैं कि वह भी तो 11 सितंबर 2025 को 75 के हो जाएंगे!’’
बेचारे अवार्ड-जीवी प्रधानमंत्री! कैसी घर वापसी है ये- लौटते ही सरसंघचालक के द्वारा याद दिला दिया गया कि 17 सितंबर 2025 को वे 75 साल के हो जाएंगे।
लेकिन प्रधानमंत्री सरसंघचालक से भी कह सकते हैं कि -वे भी तो 11 सितंबर 2025 को 75 के हो जाएंगे!
एक तीर, दो निशाने!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 11, 2025
कांग्रेस के इस बयान के बाद बीजेपी में खामोशी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि जयराम रमेश ने जिस तरह से सीधा हमला बोला है, उससे आने वाले दिनों में मोदी और संघ के रिश्तों को लेकर नई बहस छिड़ सकती है।
क्या बदलेगा कुछ?
आरएसएस की ओर से अब तक मोहन भागवत के इस बयान पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। लेकिन कांग्रेस इसे मोदी पर अप्रत्यक्ष निशाना मान रही है। अब देखना होगा कि क्या प्रधानमंत्री इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया देते हैं या इसे विपक्षी तंज मानकर नजरअंदाज करते हैं।
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