भारत का रक्षा उत्पादन 2024-25 में रिकॉर्ड ₹1.50 लाख करोड़, 18% की ऐतिहासिक वृद्धि

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 10 अगस्त: भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 में इतिहास रचते हुए ₹1,50,590 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यह जानकारी साझा करते हुए इसे देश की रक्षा औद्योगिक क्षमता का “ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताया।

18% की वृद्धि, अब तक का सर्वोच्च स्तर

यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के ₹1.27 लाख करोड़ के मुकाबले लगभग 18% की वृद्धि दर्शाता है।
राजनाथ सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा—

“वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा उत्पादन ₹1,50,590 करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया है। यह न केवल पिछले वर्ष से 18% अधिक है, बल्कि 2019-20 के मुकाबले लगभग 90% की वृद्धि भी है, जब रक्षा उत्पादन ₹79,071 करोड़ था।”

सरकारी और निजी क्षेत्र का संयुक्त योगदान

रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि का श्रेय रक्षा उत्पादन विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा इकाइयों, निजी उद्योग और सभी हितधारकों को दिया।
उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से भारत ने रक्षा विनिर्माण में लगातार ऊंचाई हासिल की है।

मोदी सरकार की आत्मनिर्भरता नीति का परिणाम

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के मजबूत होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेत है।
उन्होंने कहा—

“यह ऊपर की ओर बढ़ता हुआ प्रक्षेपवक्र भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के संकल्प को दर्शाता है।”

2019-20 से अब तक 90% की छलांग

आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में रक्षा उत्पादन ₹79,071 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹1,50,590 करोड़ हो गया है।
यह पांच वर्षों में लगभग दोगुनी वृद्धि है, जो रक्षा क्षेत्र में निवेश, तकनीकी उन्नयन और उत्पादन क्षमता विस्तार का परिणाम है।

रक्षा निर्यात को भी मिलेगा बढ़ावा

सरकार का लक्ष्य है कि भारत रक्षा उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि वैश्विक निर्यात बाजार में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराए।
इसके लिए नए रक्षा समझौते, तकनीकी साझेदारी और निजी निवेश को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

रक्षा उद्योग में रोजगार और नवाचार के अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि रिकॉर्ड उत्पादन से न केवल रक्षा उपकरणों की घरेलू जरूरत पूरी होगी, बल्कि रोजगार, अनुसंधान और विकास (R&D) तथा स्टार्टअप नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।

भविष्य की रणनीति

रक्षा मंत्रालय आने वाले वर्षों में हाई-टेक हथियार प्रणालियां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सैन्य उपकरण और स्वदेशी मिसाइल तकनीक विकसित करने पर जोर देगा।
सरकार “मेक इन इंडिया” और “मेक फॉर द वर्ल्ड” दोनों रणनीतियों पर काम कर रही है।

 

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