भूपेन्द्र यादव ने प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित मिष्टी योजना के भाग के रूप में तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में मैंग्रोव वृक्षारोपण अभियान का किया नेतृत्व
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जुलाई। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आज तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले की कोवलम पंचायत में मैंग्रोव वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सरकार की मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटेट्स एंड टैंगेबल इनकम्स (एमआईएसएचटीआई) अर्थात मिष्टी योजना के भाग के रूप में वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें छात्रों सहित 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया। वृक्षारोपण अभियान मैंग्रोव पर विशेष ध्यान देने के साथ वर्तमान में जारी “हरियाली महोत्सव” का एक अंग है।
इस अवसर पर भूपेन्द्र यादव ने कहा कि लोगों को तटीय क्षेत्रों के स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से मैंग्रोव के लिए वृक्षारोपण अभियान में भागीदारी करनी चाहिए। मंत्री महोदय ने छात्रों, फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और स्थानीय समुदायों के साथ वार्तालाप किया और अधिकारियों को मैंग्रोव के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु मैंग्रोव के नामों के लिए स्थानीय भाषा का उपयोग करने का भी निर्देश दिया।
वृक्षारोपण अभियान के दौरान प्रतिभागियों से बातचीत करते हुए भूपेन्द्र यादव ने कहा कि तमिलनाडु देश में 1076 किमी की दूसरी सबसे लंबी तटरेखा से संपन्न है। साथ ही, तमिलनाडु की तटरेखा चक्रवात और तूफान जैसी बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है। मैंग्रोव वनों ने तटीय क्षेत्रों में बायोशील्ड के रूप में काम किया है और विशेष रूप से मछुआरों और स्थानीय समुदाय के जीवन और आजीविका को बचाने में सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसलिए तट और तटीय समुदायों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मैंग्रोव के पारिस्थितिक स्वास्थ्य को बढ़ाना जरूरी है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने “जैव विविधता और मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र का महत्व” नामक पुस्तक का भी विमोचन किया, इस पुस्तक को एम.एस.स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा तैयार किया गया है।
मिष्टी कार्यक्रम का हाल ही में भारत सरकार द्वारा भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया सहित अन्य देशों में पहले से जारी सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाते हुए भारत के तटीय जिलों में मैंग्रोव पुनर्वनीकरण और वनीकरण करने के उद्देश्य से शुभारंभ किया गया था। इस कार्यक्रम की परिकल्पना तटीय राज्यों में मैंग्रोव से जुड़ी इको-पर्यटन पहल और आजीविका सृजन को बढ़ाने के लिए भी की गई है। “मिष्टी”,मैंग्रोव को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर-सरकारी समूह ‘मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (एमएसी)’ के प्रयासों में योगदान देगी, भारत ने (सीओपी27) के दौरान इसकी सक्रिय सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
वर्तमान में, मैंग्रोव के अंतर्गत लगभग 5000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है और मिष्टी कार्यक्रम के माध्यम से 9 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में 540 वर्ग किलोमीटर के अतिरिक्त क्षेत्र को कवर करने का प्रस्ताव है। इस योजना को 2023-2024 से 2027-2028 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए कार्यान्वित करने की योजना है। मिष्टी को सीएएमपीएकोष, एमजीएनआरईजीएस और अन्य स्रोतों को मिलाकर लागू किया जाएगा। तमिलनाडु में इस कार्यक्रम के तहत मैंग्रोव पुनर्वनीकरण/वनरोपण के लिए सीमांकित कुल क्षेत्र लगभग 39 वर्ग किमी है।
इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन महानिदेशक और विशेष सचिव चंद्र प्रकाश गोयल, तमिलनाडु के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की अपर मुख्य सचिव आईएएस सुप्रिया साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख आईएफएस सुब्रत महापात्रा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्य जीव वार्डन आईएफएस श्रीनिवास आर. रेड्डी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारी, स्कूली छात्र, स्थानीय समुदाय और हितधारक उपस्थित थे।
बाद में, केंद्रीय मंत्री ने चेन्नई के तारामणि में एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन का दौरा किया। भूपेन्द्र यादव ने एमएसएसआरएफ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के साथ भी चर्चा की। फाउंडेशन देश भर में मैंग्रोव तटीय क्षेत्रों के संरक्षण का समर्थन करने वाले अनुसंधान की दिशा में कार्यरत है जो माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित मिष्टी कार्यक्रम का मूल है।
Joined the celebration of Hariyali Mahotsav in Chengalpattu, Tamil Nadu.
Led a mangrove plantation drive along with about hundred other people as part of the Mangrove Initiative for Shoreline Habitats and Tangible Incomes (MISHTI) scheme envisioned by PM Shri @narendramodi ji. pic.twitter.com/yPViJv13af
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 14, 2023
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