समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16सितंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ भुगतान सेवा मंच (गेटवे) के खिलाफ धन शोधन मामले में कार्रवाई करते हुए उनके पास जमा 46.67 करोड़ रुपये की राशि पर रोक लगा दी है .यह कार्रवाई चीनी व्यक्तियों के ‘नियंत्रण’ वाले ऐप के जरिए तुरंत ऋण देने वाली कंपनियों द्वारा कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में की गई है.जिन भुगतान सेवा मंचों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है वे हैं ईजबज, रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम. आरोपियों के दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद, लखनऊ और गया स्थित परिसरों पर छापेमारी 14 सितंबर को की गई थी.
ईडी ने एक बयान में कहा कि ‘एचपीजेड’ नाम के ऐप आधारित टोकन और संबंधित इकाइयों के खिलाफ जांच के सिलसिले में बैंकों और पेमेंट गेटवे के दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर, बेंगलुरु स्थित 16 परिसरों पर भी तलाशी ली गई थी.इस मामले में प्राथमिकी अक्टूबर 2021 में नगालैंड में कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने दर्ज की थी.एजेंसी ने कहा, ‘‘तलाशी के दौरान अपराध में संलिप्तता दर्शाने वाले कई दस्तावेज मिले जिन्हें जब्त कर लिया गया. ईजबज के पास जमा 33.36 करोड़ रुपये, रेजरपे के पास 8.21 करोड़ रुपये और कैशफ्री के पास 1.28 करोड़ रुपये मिले।’’ उसने बताया कि 46.67 करोड़ रुपये की राशि का पता चला जिस पर विभिन्न बैंक खातों और ऑनलाइन खातों में ही रोक लगा दी गई.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी लोन ऐप मामले के सिलसिले में हाल में ही छापेमारी के बाद विभिन्न बैंक खातों और ईज़ीबज, रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम के खातों में रखे 46.67 करोड़ रुपये का पता लगाया और उन्हें फ्रीज कर दिया. जांच में ईजबज प्राइवेट लिमिटेड पुणे के कुल 33.36 करोड़ रुपये, रेजरपे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर के 8.21 करोड़ रुपये, कैशफ्री पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर के साथ 1.28 करोड़ रुपये और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड दिल्ली के 1.11 करोड़ रुपये मिले.
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