प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: भाजपा, राजद और कांग्रेस को बिहार से नहीं, सिर्फ एक-दूसरे को गाली देने से मतलब

समग्र समाचार सेवा
जमुई, 3 सितंबर: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपनी बिहार बदलाव यात्रा के दौरान जमुई में मंगलवार को जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों—भाजपा, राजद और कांग्रेस—पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन दलों को बिहार की असली समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। उनका मकसद केवल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना और गालियाँ देना है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता जिन बुनियादी मुद्दों से जूझ रही है—शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पलायन—उन पर कोई पार्टी गंभीरता से बात नहीं करती। “बिहार के युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, लेकिन सत्ताधारी और विपक्षी दलों की राजनीति केवल कुर्सी तक सिमटी हुई है,” उन्होंने कहा।

बदलाव यात्रा और जनता से संवाद

प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा इन दिनों राज्य के अलग-अलग जिलों में पहुँच रही है। जमुई में उन्होंने पैदल यात्रा कर ग्रामीणों और युवाओं से मुलाकात की। सभा में भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। किशोर ने कहा कि उनकी यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक जागरूकता की मुहिम है।

उन्होंने दावा किया कि यदि बिहार को वास्तव में विकास की राह पर लाना है, तो जनता को पारंपरिक पार्टियों से बाहर निकलकर नई राह चुननी होगी। “आजादी के 75 साल बाद भी बिहार देश के सबसे पिछड़े राज्यों में गिना जाता है। यह स्थिति बदलनी ही होगी,” उन्होंने जोड़ा।

भाजपा, राजद और कांग्रेस पर सीधा निशाना

किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा, राजद और कांग्रेस बार-बार सत्ता में आने के बावजूद बिहार की तस्वीर नहीं बदल पाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “ये पार्टियाँ केवल चुनाव के वक्त आपके दरवाजे पर आती हैं। उसके बाद इनका मकसद सिर्फ एक-दूसरे को नीचा दिखाना होता है। बिहार की समस्याएँ चाहे कितनी भी गंभीर हों, इनके लिए वह प्राथमिकता नहीं हैं।”

उन्होंने जनता से अपील की कि वे जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर विकास के मुद्दों पर सवाल करें। “जब तक लोग अपने बच्चों की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य पर सवाल नहीं पूछेंगे, तब तक नेता गालियाँ देकर ही राजनीति करते रहेंगे,” उन्होंने कहा।

जनता की प्रतिक्रिया और राजनीतिक मायने

जमुई की सभा में प्रशांत किशोर के बयानों को लोगों का जोरदार समर्थन मिला। कई ग्रामीणों और युवाओं ने कहा कि वे बदलाव चाहते हैं और परंपरागत दलों से निराश हो चुके हैं।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि किशोर की यह यात्रा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकती है। उनके तीखे हमले भाजपा, राजद और कांग्रेस तीनों के लिए चुनौती माने जा रहे हैं।

प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा अब केवल राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता के बीच विश्वास बनाने की कोशिश भी है। उनके ताजा बयान से साफ है कि वे खुद को पारंपरिक दलों से अलग दिखाना चाहते हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उनकी अपील को किस हद तक स्वीकार करती है और क्या वास्तव में यह यात्रा बिहार की राजनीति में नया अध्याय लिख पाएगी।

 

Comments are closed.