करदाताओं को बड़ी राहत: नई दिल्ली में शुरू हुई 56वीं जीएसटी परिषद बैठक, 150 से अधिक उत्पादों पर दर घटने की उम्मीद
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 सितंबर: करदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से 56वीं जीएसटी परिषद की दो-दिवसीय बैठक बुधवार को राजधानी दिल्ली में सुबह 11 बजे से शुरू हो गई। इस अहम बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हो रहे हैं। परिषद के एजेंडे में कर दरों में कटौती, अनुपालन को आसान बनाने और करदाताओं को राहत देने जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल हैं।
150 से अधिक उत्पादों पर दरें घटने की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, परिषद इस बार 150 से अधिक उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती पर विचार कर सकती है। इनमें दैनिक उपभोग की वस्तुएँ, छोटे कारोबारियों द्वारा इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल और कुछ औद्योगिक उत्पाद शामिल हैं। यदि परिषद इन प्रस्तावों को मंज़ूरी देती है तो इसका सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को मिलेगा।
ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस पर जोर
बैठक में यह भी चर्चा होगी कि जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को और आसान कैसे बनाया जाए। कई छोटे और मध्यम उद्यमों की शिकायत है कि मौजूदा व्यवस्था जटिल है और उन्हें तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। परिषद से उम्मीद की जा रही है कि वह ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस पर ठोस कदम उठाएगी, ताकि व्यापारियों और उद्योगपतियों के साथ-साथ आम करदाताओं को भी राहत मिल सके।
राज्यों की भागीदारी और सहमति
जीएसटी परिषद एक संघीय ढांचे पर आधारित संस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य मिलकर निर्णय लेते हैं। यही कारण है कि दरों में कटौती और कर ढांचे में बदलाव जैसे बड़े फैसले सर्वसम्मति से लिए जाते हैं। कई राज्यों ने पहले ही संकेत दिया है कि वे आम जनता को राहत देने के पक्ष में हैं, खासकर उन उत्पादों पर जिनका सीधा असर महँगाई पर पड़ता है
महँगाई नियंत्रण पर फोकस
हाल के महीनों में खाद्य वस्तुओं और दैनिक उपयोग की चीज़ों के दाम बढ़ने से आम जनता परेशान रही है। परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर भी गहन चर्चा होने की संभावना है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि यदि कुछ ज़रूरी वस्तुओं पर जीएसटी घटा दी जाती है, तो यह महँगाई पर नियंत्रण के साथ-साथ उपभोग को भी बढ़ावा देगा।
विपक्ष की निगाहें
हालाँकि, विपक्षी दलों की नज़र भी इस बैठक पर टिकी हुई है। उनका कहना है कि महँगाई नियंत्रण और करदाताओं को राहत देने की घोषणाएँ अक्सर की जाती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अमल में कमी रह जाती है। अब देखना होगा कि इस बार परिषद कितनी दूरगामी राहत जनता को दे पाती है।
56वीं जीएसटी परिषद की बैठक से आम लोगों, कारोबारियों और उद्योग जगत की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। यदि 150 से अधिक उत्पादों पर दर कटौती का फैसला होता है, तो यह सीधे तौर पर महँगाई को कम करने में मददगार साबित होगा। साथ ही, रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने जैसे कदम व्यापार माहौल को और मजबूत कर सकते हैं। फिलहाल सभी की निगाहें इस दो-दिवसीय बैठक के फैसलों पर टिकी हैं।
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