समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अगस्त। बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अशांति ने एक गंभीर संकट का रूप ले लिया है। इस स्थिति के मद्देनजर पूर्व भारतीय उच्चायुक्त पंकज सरन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत को सीमा पर अत्यधिक सतर्क रहना होगा और नयी दिल्ली को सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए।
पंकज सरन, जो 2012 से 2015 तक ढाका में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में सेवा दे चुके हैं, ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश में हालात कब सुधरेंगे, यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बांग्लादेश के अंदर विभिन्न राजनीतिक ताकतों के बीच संतुलन बनने का इंतजार करना होगा।’’
उसी दिन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके आधिकारिक आवास में लूटपाट और तोड़फोड़ की।
सरन ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि कर्फ्यू और अन्य प्रतिबंध प्रभावी नहीं हो रहे थे, और एकमात्र उपाय सेना को बुलाना था। उन्होंने कहा, ‘‘हसीना के पास पद छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।’’
उन्होंने यह भी जोड़ा कि बांग्लादेश में सेना ने अब कमान संभाल ली है और एक अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की है। इस बीच, भारत-बांग्लादेश संबंधों पर उन्होंने कहा कि अतीत के प्रति अति-प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे सीमा पर कुछ परेशानी और भारत विरोधी बयान आ सकते हैं।
सरन ने भारत को सलाह दी कि सीमा पर सतर्कता बनाए रखनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि बांग्लादेश से भारत में किसी भी व्यक्ति की आवाजाही न हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीजें सामान्य होने में कुछ महीने लग सकते हैं, लेकिन दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध और व्यापार जारी रहेंगे।
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