सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग का सबसे बड़ा घोटाला, 9276 फेरों के बना दिए फर्जी बिल
समग्र समाचार सेवा
रायबरेली, 29जून। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां गर्भवती महिलाओं को लाने ले जाने वाली 102 एंबुलेंस सेवा एजेंसी ने 9,276 फेरों की फर्जी बिलिंग कर दी. स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस एजेंसी को फेरों के आधार पर भुगतान करता है. यह घोटाला तब सामने आया जब 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी ने पिछले तीन महीने का बिल भुगतान के लिए लगाया. मगर शासन ने पेश किए गए भुगतान बिल पर शक होने की स्थिति में सीएमओ रायबरेली को जांच सौंप दी.
सीएमओ ने सभी सीएचसी से फेरों की संख्या मंगाकर मिलान किया तो 29,664 में से 9,276 फेरों का ब्योरा नहीं मिला. एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉक्टर आर बी यादव के मुताबिक महिला समेत सभी सीएचसी से डाटा मंगवाकर शासन को भेज दिया गया है. डाटा मिलान के बाद अंतिम निर्णय शासन का होगा. मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली संसदीय क्षेत्र से ही सांसद हैं. वो साल 2004 से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
मालूम हो कि रायबरेली के ही जिला हॉस्पिटल में बिजली जाने से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से दो और मरीजों की मौत हो गई. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपना लिया है. जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने पहले सीएमओ समेत दो प्रशासनिक अधिकारियों को जांच के लिए भेजा था. थोड़ी ही देर में खुद भी जिला अस्पताल पहुंच गईं.
यहां उन्होंने सीएमएस नीता साहू को मामले में लीपापोती किए जाने पर जमकर फटकार लगाई. जिलाधिकारी ने कल बिजली जाने से लेकर और मरीजों की मौत से जुड़े सभी दस्तावेजों के साथ ड्यूटी पर मौजूद डाक्टरों और कर्मियों के बयान लेना शुरू कर दिया है. हम बता दें कि बीती रात बूंदा बादी के दौरान जिला अस्पताल की बिजली गुल हो गई थी.
बिजली जाने से भर्ती मरीजों में हाहाकार मच गया था. उधर जिला अस्पताल में पांच पांच जनरेटर होने के बावजूद वह नहीं चले तो ऑक्सीजन की सप्लाई भी बंद हो गई. वहां भर्ती मरीजों में से दो तीमारदारों का आरोप है कि ऑक्सीजन बाधित होने से उनके मरीजों की मौत हुई है. उधर सीएमएस नीता साहू अभी भी यह मानने को तैयार नहीं कि जनरेटर ना चलने के पीछे उनके प्रबंधन में कई कमी रही. वहीं मरीों की हुई मौत को भी वह ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं मान रही हैं.
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