समग्र समाचार सेवा
पटना, 19 सितंबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियों में तेजी ला दी है। आजादी के बाद पहली बार बिहार में पार्टी की सबसे बड़ी बैठक होने जा रही है। 24 सितंबर को सदाकत आश्रम में होने वाली यह विस्तारित वर्किंग कमेटी की बैठक मुख्य रूप से बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तय करने पर केंद्रित होगी। बैठक के बाद पार्टी 38 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है। हालांकि, अभी इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ है।
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद कांग्रेस ने 76 सीटों को चिह्नित किया है। इन सीटों को 8 क्लस्टर में बांटकर चुनाव प्रभारी बनाए गए हैं। इन सभी सीटों पर ग्रासरूट स्तर पर संगठनिक मजबूती और वोटर आधार के विस्तार के लिए पार्टी ने योजना बनाई है। पार्टी का लक्ष्य महागठबंधन के घटक दलों के साथ सीट बंटवारे में अधिक से अधिक सीट अपने पाले में करना है। राजद के साथ कुछ सीटों की अदला-बदली भी संभव है। वहीं, यदि गठबंधन में सहमति नहीं बनी, तो कुछ सीटों पर घटक दलों के साथ फ्रेंडली फाइट की संभावना भी है।
उम्मीदवारों पर अंतिम निर्णय हाईकमान करेगा
18 सितंबर को कांग्रेस की नवगठित प्रदेश चुनाव अभियान समिति की पहली बैठक हुई। इस बैठक में उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी हाईकमान को अधिकृत करने का प्रस्ताव पास किया गया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि कई सीटों पर दो से तीन उम्मीदवार हैं। इसलिए, सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन पर अंतिम निर्णय हाईकमान स्तर से लिया जाएगा।
गठबंधन के साझेदारों की 18 सीटों पर कांग्रेस की नजर
कांग्रेस जिन 76 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, उनमें से 18 सीटें उसके सहयोगी दलों की 2020 की लड़े गए चुनावों से संबंधित हैं। इनमें:
- 12 सीटें राजद के कोटे की हैं, जिनमें 4 पर पिछली बार राजद को जीत मिली थी।
- 3 सीटें भाकपा की,
- 2 सीटें माले की,
- 1 सीट माकपा की।
मुख्य सीटें:
- राजद: चिरैया, बिसफी, कटिहार, बरारी, सहरसा, कुढ़नी, कांटी, गरखा, तरैया, अमनौर, बनियापुर, परबत्ता
- भाकपा: हरलाखी, झंझारपुर, बछवाड़ा
- माकपा: मटिहानी
पूर्व नेताओं की बैठक से अचानक विदाई
बैठक के दौरान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और पूर्व विधायक दल नेता अजीत शर्मा बीच में ही बैठक से निकल गए। अखिलेश सिंह ने सफाई दी कि दिल्ली में उनका पहले से कार्यक्रम तय था, जबकि अजीत शर्मा ने क्षेत्र में पहले से तय कार्यक्रम के कारण बैठक से बाहर जाने की बात कही। बैठक में पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी उपस्थित थे।
कांग्रेस की इस तैयारी से यह संकेत मिलता है कि पार्टी बिहार में महागठबंधन के भीतर अपनी स्थिति मजबूत करने और चुनाव में प्रभावी रणनीति अपनाने के लिए सक्रिय है। 24 सितंबर की बैठक उम्मीदवारों की अंतिम सूची और चुनावी रणनीति तय करने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
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