समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अगस्त: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दो वोटर आईडी रखने के आरोप लगने के बाद राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीधे निशाने पर लिया है, उन पर “वोट लूट” और “बूथ लूट” में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए।
#WATCH | On RJD leader Tejashwi Yadav claiming that Bihar Deputy CM Vijay Sinha has two EPIC numbers, SP chief and MP Akhilesh Yadav says, "…If their Deputy CM has two EPIC numbers, here the CM was facilitating vote loot. The CM here was facilitating booth loot…In Ayodhya,… pic.twitter.com/seihwiiRKw
— ANI (@ANI) August 11, 2025
तेजस्वी यादव का आरोप
विवाद की शुरुआत राजद नेता तेजस्वी यादव के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि विजय कुमार सिन्हा के पास दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दो वोटर आईडी नंबर हैं। तेजस्वी का आरोप है कि यह चुनावी आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन है और चुनाव आयोग को तत्काल जांच करनी चाहिए। हालांकि, विजय कुमार सिन्हा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” बताया है।
अखिलेश यादव का बयान
मामले को उत्तर प्रदेश से जोड़ते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बिहार के डिप्टी सीएम के पास दो वोटर आईडी हैं, तो यह साफ संकेत है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस “वोट लूट” में मददगार हैं। उन्होंने नवंबर 2024 में हुए उपचुनावों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि अयोध्या में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चुनावी जिम्मेदारियां सौंपी गईं, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठे।
उन्होंने आगे कहा कि मीरापुर में कमिश्नर, एसएसपी और डीएम पर मतदाताओं को रोकने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप है। अखिलेश ने दावा किया कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है और चुनाव आयोग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
महिला मतदाताओं पर पुलिस का कथित अत्याचार
अखिलेश यादव ने एक वीडियो का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मीरापुर में एक पुलिसकर्मी ने महिला मतदाताओं पर बंदूक तान दी थी। उन्होंने सवाल किया, “क्या हमने महिलाओं पर रिवॉल्वर तानते नहीं देखा? क्या चुनाव आयोग सो रहा था?” उनका कहना है कि जब अधिकारी खुद वोट लूटने में शामिल हों, तो न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
विपक्ष का तेवर और सियासी असर
इस विवाद ने न केवल बिहार, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। जहां राजद और सपा इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं, वहीं सत्ता पक्ष इन आरोपों को चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों में विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है, खासकर ग्रामीण और महिला मतदाताओं के बीच।
सोशल मीडिया पर बयानबाजी
अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर ट्विटर (X) पर भी बयान दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि यदि निष्पक्ष चुनाव की गारंटी नहीं दी जा सकती, तो लोकतंत्र कमजोर होगा। वहीं, भाजपा के नेताओं का कहना है कि विपक्ष तथ्यहीन आरोपों के जरिए जनता को गुमराह कर रहा है।
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