समग्र समाचार सेवा
पटना, 22 जून: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच अब “पेंशन पॉलिटिक्स” नई रफ्तार पकड़ चुकी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को लेकर उनकी योजना की “नकल” की है। रविवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर तेजस्वी ने लिखा, “नीतीश जी अब थक चुके हैं, अब उनमें कुछ ओरिजिनल करने की ताकत नहीं रही। अब वह बस तेजस्वी की नकल कर सकते हैं।”
RJD बनाम NDA: योजना का श्रेय किसे?
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि पेंशन को ₹1500 करने का वादा आरजेडी ने पहले किया था, और इसका प्रभाव इतना व्यापक रहा कि नीतीश कुमार को भी दबाव में आकर पेंशन बढ़ाने की घोषणा करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि “हमने विपक्ष में रहकर सरकार से वह करवाया, जो बीते 20 साल में वह नहीं कर सके।”
नीतीश सरकार ने हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 प्रति माह करने की घोषणा की थी, जिसे NDA ने “जन कल्याण की दिशा में एक निर्णायक कदम” बताया।
तेजस्वी का तंज—’कॉपी कैट’ नीति पर आधारित है सरकार
तेजस्वी ने अपने पोस्ट में सरकार पर आरोप लगाया कि “जो योजना हम जनता के लिए घोषित करते हैं, वही सरकार बाद में कॉपी-पेस्ट कर लागू करती है। असली सोच, दूरदृष्टि और जनहित का विजन आरजेडी के पास है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर विपक्ष में रहकर वे सरकार को यह सब करने पर मजबूर कर सकते हैं, तो सत्ता में आकर और क्या कर सकते हैं, यह जनता को समझना चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषण: कौन लेगा असली क्रेडिट?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल पेंशन बढ़ाने की लड़ाई नहीं, बल्कि “क्रेडिट की लड़ाई” है। नीतीश कुमार जहां इस कदम को गवर्नेंस और जनकल्याण का हिस्सा बता रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव इसे “सियासी चोरी” करार दे रहे हैं। बिहार की राजनीति में “घोषणा की टाइमिंग” और “विचार की मौलिकता” अब वोट तय करने वाले बड़े फैक्टर बनते जा रहे हैं।
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