बिहार चुनाव 2025: कांटे की टक्कर, सातों क्षेत्रों में एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने

समग्र समाचार सेवा
पटना, 19 सितंबर: बिहार में चुनावी सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं। जैसे-जैसे 2025 का विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहा है, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन (एमजीबी) अपनी रणनीति और मज़बूत गढ़ों पर दांव लगा रहे हैं। दोनों गठबंधन 2020 के चुनावी नतीजों का गहन विश्लेषण कर रहे हैं क्योंकि उस चुनाव ने साफ़ कर दिया था कि बिहार की राजनीति अब कांटे की टक्कर पर आ गई है। मामूली वोट अंतर भी सरकार की तस्वीर बदल सकता है।

2020 में, एनडीए ने 243 में से 125 सीटें जीती थीं जबकि महागठबंधन को 110 सीटों पर सफलता मिली थी। दोनों का वोट शेयर लगभग बराबर (37.26% बनाम 37.23%) रहा। भाजपा (74 सीटें) एनडीए की सबसे बड़ी ताकत बनी, जबकि जदयू 43 सीटों पर सिमट गई। दूसरी ओर, राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी एकल पार्टी रही, जबकि कांग्रेस सिर्फ़ 19 सीटें जीत पाई।

क्षेत्रवार समीकरण:

अंग प्रदेश:
2020 में 35 सीटों में से एनडीए ने 18 और राजद ने 8 सीटें जीतीं। कांग्रेस को यहाँ 5 सीटें मिलीं। वोट शेयर के लिहाज से यहाँ मुकाबला त्रिकोणीय था। 2025 में एनडीए बढ़त बनाए रखना चाहेगा, लेकिन राजद भी मजबूत दावेदारी कर रहा है।

कोसी:
कोसी क्षेत्र में 20 सीटों में से एनडीए ने 10 और राजद ने 7 सीटें जीतीं। वोट प्रतिशत में भी दोनों लगभग बराबर रहे – एनडीए 35% और राजद 36%। यह इलाका इस बार भी दोनों के बीच सीधे मुकाबले का गवाह बनेगा।

मगध:
2020 में मगध ने महागठबंधन को बढ़त दी। एमजीबी ने 30 सीटें जीतीं जबकि एनडीए 17 पर सिमटा। वोट शेयर में भी राजद (37.6%) आगे रहा। 2025 में एनडीए यहाँ बड़े उलटफेर की कोशिश करेगा।

मिथिलांचल:
यह क्षेत्र एनडीए का गढ़ साबित हुआ। एनडीए ने 30 सीटें जीतीं, जबकि एमजीबी को 15 सीटें मिलीं। वोट शेयर में भी एनडीए (38%) आगे रहा। इस बार भी एनडीए अपनी पकड़ बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगा।

सीमांचल:
32 सीटों में एमजीबी को 13 और एनडीए को 12 सीटें मिलीं। वोट शेयर लगभग बराबर रहा – राजद 33% और एनडीए 29%। मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी भूमिका यहाँ हर चुनावी समीकरण को प्रभावित करती है।

शाहाबाद:
यहाँ एनडीए ने 19 और महागठबंधन ने 11 सीटें जीतीं। वोट शेयर का अंतर बहुत मामूली (एनडीए 36%, राजद 34%) रहा। छोटे-से अंतर ने नतीजों का रुख तय कर दिया।

तिरहुत:
सबसे बड़ा इलाका तिरहुत 2020 में एनडीए के पक्ष में गया। 70 सीटों में से एनडीए ने 36 और एमजीबी ने 28 सीटें जीतीं। भाजपा और राजद दोनों यहाँ मज़बूत हैं, जिससे 2025 में भी कड़ा मुकाबला तय है।

2025 का बिहार चुनाव फिर से कांटे की टक्कर वाला साबित हो सकता है। एनडीए अपनी पुरानी बढ़त बचाने की कोशिश में है, वहीं तेजस्वी यादव की अगुआई वाला महागठबंधन कमजोर कड़ियों को मज़बूत कर सत्ता पर वापसी का सपना देख रहा है। मिथिला से लेकर सीमांचल तक की लड़ाई तय करेगी कि पटना की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

 

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