समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जुलाई: नई दिल्ली के बीकानेर हाउस परिसर में चल रहे साप्ताहिक तीजोत्सव की रौनक रविवार को देखते ही बन रही थी। 30 जुलाई तक चलने वाले इस उत्सव में तीज माता की पालकी सवारी भारी धूमधाम से निकाली गई। तीज माता को सजाई गई पालकी में चार कहारों द्वारा पारंपरिक रीति से परिसर में घुमाकर पूजा-अर्चना की गई।
इस सवारी में करीब 51 महिलाएं मंगल कलश यात्रा कर रही थीं, जिन्होंने रजवाड़े की परिधानों में लोकगीत गाते हुए शोभा बढ़ाई। राजस्थानी लोककलाकारों की कच्छी घोड़ी और मशक वादन ने सांस्कृतिक रंग में चार चाँद लगा दिए। बाद में सैकड़ों पुरुष और महिलाएं विभिन्न पारंपरिक परिधानों में सवारी से जुड़े और तीज माता की आराधना के लिए मंगल गीतों की प्रस्तुति दी।
राजस्थानी कला का अद्भुत संगम
सवारी के बाद, पर्यटक स्वागत केंद्र द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या ने स्थानीय और दिल्ली केतनागरी दर्शकों का मन मोह लिया। बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, टोंक, चुरू, बारां, डीग और अलवर से आए लोककलाकारों ने मशक वादन, कच्छी घोड़ी, भोपा गायन-वादन, खड़ताल, चरी नृत्य, चकरी नृत्य, चंग ढप नृत्य, घूमर, कालबेलिया, मयूर नृत्य व फूलों की होली की रंगारंग प्रस्तुतियाँ दीं।
सहायक निदेशक श्री छत्रपाल यादव ने जानकारी दी कि इस सांस्कृतिक संध्या में सिर्फ लोककलाओं का ही नहीं, बल्कि प्रतिभाशाली कत्थक नृत्यांगनाओं – सुश्री सुकृति अग्रवाल और भीतिका रहेजा – की प्रस्तुति ने सभी आगंतुकों का दिल छू लिया। कढ़क तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कलाकारों को अनवरत तारीफ मिली।
दिल्ली हाट में भी उजास बिखरा
बीकानेर हाउस में तीजोत्सव के अतिरिक्त, आईएनए स्थित दिल्ली हाट में भी राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। यहां भी कच्छी घोड़ी, घूमर, मयूर नृत्य, चरी नृत्य, की होली और भूटा वादन-संगीत की प्रस्तुतियाँ समां बांध रही थीं। इन रंगबिरंगी प्रस्तुतियों के बीच कत्थक नृत्य ने समां बांध दिया, जिसे आगंतुकों ने भरपूर उत्साह और सम्मान के साथ देखा।
आगंतुकों का उत्साह और खरीदारी
तिरुपण समारोह रविवार अवकाश के कारण दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आए आगंतुकों की भारी भीड़ लगी। उन्होंने राजस्थानी व्यंजनों का लुत्फ उठाया और राजस्थानी हस्तशिल्प उत्पादों की खरीददारी की। पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया गया, जिसमें बच्चे और युवा बड़े उत्साह के साथ भाग ले रहे थे।
पर्यटन विभाग ने बताया कि तीजोत्सव में आगंतुकों की संख्या बढ़ रही है और इसका उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध संस्कृति को दिल्ली में नई पीढ़ी तक पहुँचाना है।
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