“बिलासपुर में काशीनाथ गोरे स्मारिका का विमोचन, मोहन भागवत और रमन सिंह हुए शामिल”

समग्र समाचार सेवा
बिलासपुर, 31 अगस्त: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर का माहौल रविवार को विशेष और ऐतिहासिक रहा। लोकहितकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध स्वर्गीय काशीनाथ गोरे की स्मारिका का विमोचन करने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत और छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सिम्स ऑडिटोरियम पहुँचे। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की तस्वीर पर पुष्प अर्पण और नमन से हुई।

मोहन भागवत ने इस अवसर पर कहा कि स्वर्गीय गोरे केवल एक समाजसेवी ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता और संगठन की प्रेरणा थे। उनके कार्यों ने न केवल बिलासपुर बल्कि पूरे प्रदेश में सामाजिक चेतना का संचार किया। उन्होंने आगे कहा कि “हमारे समाज को ऐसे लोकहितकारी व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए।”

डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में गोरे की सरलता और समर्पण को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। “उनकी स्मृति में यह स्मारिका आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक बनेगी,” उन्होंने कहा।

स्मारिका विमोचन कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति रही। मंच पर वक्ताओं ने काशीनाथ गोरे के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके कार्यों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और वंदेमातरम के सामूहिक गायन ने कार्यक्रम को और भी गरिमामय बना दिया। अंत में, आयोजकों ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्मारिका केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि समाजसेवा और राष्ट्रप्रेम की विरासत को संजोए रखने का प्रयास है।

इस आयोजन ने बिलासपुर में एक सकारात्मक संदेश दिया कि राष्ट्र और समाज के निर्माण में लोकहितकारी व्यक्तित्वों की भूमिका हमेशा अमिट रहेगी।

 

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