बिम्सटेक देशों को आपूर्ति श्रृंखला, ई-कॉमर्स, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और खाद्य सुरक्षा में साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: गोयल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8अगस्त। बिम्सटेक सदस्य देशों को व्यापार वार्ता के संबंध में अपनी प्राथमिकताओं की फिर से जांच करनी चाहिए, ताकि विलंबित मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (बिम्सटेक) व्यापार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन संस्करण में कही।

गोयल ने अपने संबोधन में बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते में देरी के पीछे के कारणों पर पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को ऐसी ठोस सिफारिशें करनी चाहिए, जो सभी सात देशों के लिए स्वीकार्य हों। उन्होंने व्यापार वार्ता समिति और व्यापार समुदाय से आग्रह किया कि वे अंतर-क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए एक तरजीही व्यापार समझौते पर विचार करें।

गोयल ने बिम्सटेक सदस्यों से वर्तमान व्यापारिक संबंधों पर आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान किया और कहा कि बिम्सटेक देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियाँ अपेक्षाकृत कम हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की पूरी क्षमता को प्राप्त करने के लिए हमें अभी एक लंबा रास्ता तय करना है। केंद्रीय मंत्री ने सदस्य देशों के बीच गहन एकीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए, ईमानदार प्रतिक्रिया प्रदान करने और व्यापार सुविधा और वस्तुओं की सीमा पार आवाजाही को मजबूत करने में मदद करने का आह्वान किया।

उन्होंने व्यापार घाटे को कम करने और ई-कॉमर्स में साझेदारी को मजबूत करने के लिए व्यापार सुविधा उपायों को मजबूत करने की बात कही। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के उपयोग से सीमा शुल्क सीमाओं के बेहतर एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। श्री गोयल ने कहा कि सीमा नियंत्रण के कम्प्यूटरीकरण और आयात-निर्यात ऑनलाइन आवेदन प्रक्रियाओं की तेजी से मंजूरी व्यापार करने में सुगमता को बढ़ावा देगी।

उन्होंने आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने, अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को अपनाकर व्यापार सुविधा उपायों को मजबूत करने और निर्बाध परिवहन संपर्क पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई। गोयल ने कहा कि यह सब बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने निवेश, व्यापार, और पर्यटन में सहायता प्रदान करने के लिए सात सदस्य देशों के स्टार्टअप और उद्यमियों के और अधिक एकीकरण की आशा व्यक्त की। उन्होंने सदस्य देशों से खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और मानव संसाधन विकास को सुरक्षित करने के लिए प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने और कृषि सहयोग को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।

ब्लू इकोनॉमी के मुद्दे पर गोयल ने कहा कि सदस्य देशों में समुद्री उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे आजीविका और रोजगार सृजन में वृद्धि हो रही है और समुद्री तथा तटीय इकोसिस्टम संरक्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाएं कृषि और खनिज उत्पादन में वृद्धि करके एक विकसित क्षेत्र बन सकती हैं।

बांग्लादेश की स्थिति की चर्चा करते हुए श्री गोयल ने पूरे घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त की और बांग्लादेश के उज्ज्वल भविष्य और शासन के सुचारू परिवर्तन की कामना की। अंत में, श्री गोयल ने कवि रवींद्रनाथ टैगोर को उद्धृत किया – “यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा सकता, तो मैं दूसरे से जाऊंगा या मैं एक दरवाजा बनाऊंगा।” उन्होंने बिम्सटेक देशों से भारत के व्यापारिक समुदाय के साथ मिलकर एक समृद्ध क्षेत्र के लिए नए विकल्प बनाने का आग्रह किया।

बिम्सटेक, या बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों – बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान, और नेपाल का एक समूह है।

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