वित्त मंत्री ने संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल को 12 वीं शताब्दी की बुद्ध की प्राचीन कांस्य प्रतिमा सौंपी

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल को बुद्ध की एक प्राचीन कांस्य प्रतिमा सौंपी जिसे 57 साल पहले चुरा लिया गया था और बाद में यह प्रतिमा लंदन (ब्रिटेन) में एक नीलामी के दौरान मिली थी। इस अवसर पर राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडे, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राजस्व खुफिया निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

भूमिस्पर्श मुद्रा में बैठे बुद्ध की इस 12वीं शताब्दी की कांस्य प्रतिमा को अगस्त 1961 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नालंदा स्थल संग्रहालय से चुरा लिया गया। 2018 की शुरुआत में, लगभग 57 वर्ष बाद, लंदन के एक व्यापारी द्वारा आयोजित नीलामी के दौरान इस प्रतिमा का पता चला था।

नीलामी की जानकारी मिलने के बाद, राजस्व सतर्कता निदेशालय (डीआरआई) के लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में पदस्थ अधिकारी ने एएसआई, ब्रिटेन सीमा शुल्क विभाग तथा लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस से संपर्क किया। एएसआई ने निष्कर्षों की पुष्टि की और साक्ष्य के रूप में 1961 में दर्ज एफआईआर सहित अन्य दस्तावेज प्रदान किए।  इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम (आईआईएमओ) ने भी प्रतिमा का निरीक्षण किया और पुष्टि करते हुए कहा कि यह प्रतिमा 1961 में नालंदा से चुराई गई प्रतिमा से मिलती-जुलती है।

पुलिस जांच में पता चला है कि बिक्री के लिए लंदन के डीलर को भेजे जाने से पहले इस मूर्ति को कई बार बदला गया था। जैसे ही एक बार यह पुष्टि हो गई कि बुद्ध की इस प्रतिमा भारत से चोरी की गई प्रतिमा जैसी ही है तो डीलर और कंसाइनर (भेजने वाले) दोनों ने पुलिस के साथ सहयोग किया और प्रतिमा को भारत को वापस करने का फैसला किया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस आर्ट एंड एंटिक्स यूनिट के माध्यम से प्रतिमा को वापस करने के लिए ब्रिटेन के सांस्कृतिक विभाग (डीसीएमएस) से संपर्क किया गया। कला के प्रति उत्साही एक ऑनलाइन स्वयंसेवी समूह ‘इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट’ ने मूर्ति की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभाई। मूर्ति को भारत में लाया गया और उसे डीआरआई को सौंप दिया गया।

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