समग्र समाचार सेवा
अहमदाबाद, 26 जून: उमेश मकवाना, जो 20 वर्षों तक बीजेपी में विभिन्न पदों पर रहे, दिसंबर 2022 में बोटाद से AAP के टिकट पर विधायक बने थे। उन्होंने बताया कि जब गुजरात में आम आदमी पार्टी का नाम तक नहीं था, तब उन्होंने यह जोखिम उठाया। “मैंने बीजेपी में आराम से पद निभाए, लेकिन जब AAP ने शुरूआत की, तो मुझे उसका हिस्सा बनना सही लगा,” मकवाना ने ANI से कहा।
#WATCH | Gujarat | Aam Aadmi Party's Botad MLA Umesh Makwana resigns from all party posts
He says, "I worked in the BJP on different posts for 20 years. At the time when no one even recognised AAP in Gujarat, I left the ruling BJP party to join Aam Aadmi Party. Today, in AAP, I… pic.twitter.com/GRfugBabsk
— ANI (@ANI) June 26, 2025
आंबेडकरवाद से दूरी पर नाराजगी
हाल ही में उमेश मकवाना ने घोषणा की कि उन्होंने AAP में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने AAP पर आरोप लगाया कि पार्टी अब डॉ. भीमराव आंबेडकर के मूल सिद्धांतों से दूर चली गई है। मकवाना ने कहा कि “बोटाद की जनता के बीच जाकर देखेंगे कि वे अलग पार्टी चाहते हैं या नहीं। लेकिन ऑर्गनाइजेशनल पदों का अब कोई मतलब नहीं बचा।
कार्यालय छोड़, जनसमर्थन की राह
अपने पद त्यागने के बावजूद, मकवाना ने कहा कि वह विधायक बने रहेंगे और “एक सरल कार्यकर्ता के रूप में जनता के बीच काम करेंगे”। उन्होंने भविष्य की संभावनाओं की ओर संकेत देते हुए कहा कि “अगर बोटाद की जनता नए राजनीतिक विकल्प की मांग करे, तो मैं उसके लिए विकल्प तैयार करने का विचार रखूंगा।”
AAP की हालिया जीत और मकवाना की भूमिका
हालांकि AAP ने गुजरात में विघटनकारी जीत दर्ज की है—विशेष रूप से फरवरी में विसावदर उपचुनाव में सीधा मुकाबला जीतकर—लेकिन मकवाना का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। विसावदर जीत के पीछे AAP की रणनीति का नतीजा था कि वह 2022 में जीती सीट वापस हासिल कर सके, जबकि भूपेंद्र भयानी उस दौरान बीजेपी में चले गए। इस जीत को AAP की बढ़ती पकड़ के संकेत के तौर पर देखा गया था
आंदोलन से लेकर अस्ट्रेलियाई राजनीति की राह
उमेश मकवाना कोली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने AAP में अच्छे प्रयास के तहत विधायक बनकर एक नई शुरुआत की थी। लेकिन अब, अपनी विमर्शपूर्ण राजनीति की दिशा में वह आम जनता की दलील और जनभावना को सर्वप्रथम मान रहे हैं। पार्टी पद अब उनकी प्राथमिकता में नहीं और वह जनमत पर निर्भर करते हुए आगे की रणनीति अपनाएंगे।
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