बीजेपी ने तोड़ा आजम खान का गढ़, पहली बार जीती रामपुर सदर सीट

समग्र समाचार सेवा
रामपुर, 8 दिसंबर। आकाश सक्सेना हनी ने आजम खान का खेल बिगाड़ दिया है। रामपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने आजम खान के उम्मीदवार मोहम्मद असिम रजा को हरा दिया है। यह सीट काफी उलटफेर वाले परिणामों के रूप में दिनभर चर्चा में रही पहले दो चरणों में भाजपा के आकाश सक्सेना आगे बढ़ते दिखे। तीसरे चरण में असिम रजा ने बढ़त बना ली। इसके बाद 19वें चरण तक असिम रजा ने बढ़त बनाए रखी। हालांकि, मुकाबला कांटे का दिख रहा था। बढ़त बड़ी नहीं होती दिख रही थी। 20वें राउंड में आकाश सक्सेना ने कुछ बढ़त बनाई। इसके बाद उनकी बढ़त का आंकड़ा बढ़ता चला गया। असिम रजा एक बार फिर चुनावी मैदान में पिछड़ते चले गए। आजम खान ने इससे पहले उन्हें रामपुर लोकसभा उप चुनाव के मैदान में उतारा था। वहां भाजपा के घनश्याम लोधी के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। अब एक बार फिर उनको हार का सामना करना पड़ा है। 23वें राउंड के वोटों की गिनती के दौरान ही असिम राजा मतदान केंद्र से बाहर निकलते देखे गए। माना गया कि उन्होंने हार मान ली है। हालांकि, उनके समर्थक मतगणना केंद्र पर जमे हुए रहे। जीत की स्थिति को देखते हुए आकाश सक्सेना ने आजम खान पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आजम ने रामपुर को बंधक बना रखा था। रामपुर आजम के उन बंधनों से आजाद हो रहा है। आजम खान का इस विधानसभा सीट पर दबदबा देखिए। वर्ष 1980 के बाद से हुए चुनाव में आजम की इस सीट पर लगातार वर्चस्व देखा गया। 1996 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो 10 बार इस सीट पर आजम खान जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। रामपुर शहर से चुनकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन आकाश सक्सेना ने पहले उन्हें कानूनी लडाई में हराया। अब चुनावी लड़ाई में उन्हें मात दे दी है।

रामपुर विधानसभा सीट पर चुनाव काफी महत्वपूर्ण था। इसलिए भी कि यहां पर आजम खान की चार दशक पुरानी विरासत को बचाए रखने की चुनौती थी। इस बार आजम परिवार का कोई सदस्य रामपुर शहर विधानसभा सीट से उम्मीदवार नहीं था। रामपुर में माना जाता रहा है कि जब भी आजम परिवार चुनावी मैदान से बाहर होता है, बढ़त सामने वाले दल की होती है। हालांकि, आजम खान ने बीमारी के बाद भी लगातार रामपुर के चुनावी मैदान में अपनी दखल दिखाई। लोगों के बीच पहुंचे। अपनी बात रखी। भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की। उम्मीदवार को जिताने के लिए वोट मांगे। लोगों का सहयोग मांगा। गुस्साए और भावुक भी हुए। असर वोटों के रूप में सामने आया। रामपुर में पुलिस की अधिकता और कम वोटिंग का अंदेशा जताया। इस बार कम वोटिंग भी हुई। इसका परिणाम अब सामने आया है। आजम के प्रभाव वाले इलाकों में भले ही आकाश सक्सेना पिछड़े, लेकिन इतना नहीं कि रिकवर न कर पाएं। रिकवरी की। जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की। कानूनी लड़ाई के जरिए पहले बेटे अब्दुल्ला आजम और फिर आजम खान की विधायकी समाप्त कराने वाले आकाश सक्सेना अब रामपुर शहर के विधायक हो गए हैं।

Comments are closed.