समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 21 सितंबर: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र की भाजपा सरकार पर विदेश नीति को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ करने का गंभीर आरोप लगाया है। शनिवार देर रात उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट साझा कर कहा कि भाजपा शासन में भारत की विदेश नीति “आपातकाल” जैसी स्थिति में पहुँच गई है।
“विदेश नीति का आपातकाल”
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा— “भाजपा के शासन में विदेश नीति का आपातकाल आ गया है। सरकार न तो मनचाहे टैरिफ से बच पा रही है और न ही बढ़ती वीज़ा फ़ीस से।”
उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने में असफल रही है। साथ ही, भारत की ऐतिहासिक गुटनिरपेक्षता की नीति को भी पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।
प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा पर सवाल
अखिलेश यादव ने विदेशों में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों को न तो “हथकड़ी और जंजीर” से और न ही सार्वजनिक अपमान से बचाया जा रहा है।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विदेशों में भारतीय समुदाय लगातार हिंसक हमलों का सामना कर रहा है, लेकिन भाजपा सरकार उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी भारतीय नागरिक विदेशों में कठिनाइयों से गुजरते हैं, सरकार की प्रतिक्रिया अक्सर धीमी और असंवेदनशील होती है।
आतंकवाद के मुद्दे पर भी हमला
अखिलेश यादव ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार इस वैश्विक समस्या पर किसी भी देश को भारत के साथ जोड़ने में असफल रही है। उनके अनुसार, आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर भारत की भूमिका पहले की तुलना में कमजोर हो गई है, जबकि पहले भारत को इस विषय पर एक निर्णायक और नेतृत्वकारी देश के रूप में देखा जाता था।
“विदेश नीति को पूरी तरह नज़रअंदाज़”
अखिलेश यादव ने अपने संदेश में यह भी दोहराया कि भाजपा सरकार ने विदेश नीति को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल और वैश्विक महत्त्व वाले देश को ऐसी कमजोर विदेश नीति के साथ नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने दावा किया कि सरकार की नीतियों के चलते भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभाव घटा है और पड़ोसी देशों के साथ भी तनावपूर्ण स्थितियाँ बनी हुई हैं।
विपक्ष की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव के इस बयान का सीधा संबंध आने वाले चुनावों से भी है। सपा अध्यक्ष भाजपा सरकार की विदेश नीति को चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को लेकर बहस चल रही है।
अखिलेश यादव का यह बयान भाजपा सरकार की विदेश नीति पर एक बड़ा राजनीतिक हमला माना जा रहा है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा से लेकर आतंकवाद और पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों तक कई मोर्चों पर सरकार को घेरा है। अब देखना होगा कि भाजपा इस आरोप का क्या जवाब देती है और क्या विदेश नीति वास्तव में विपक्ष का चुनावी हथियार बनेगी।
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