भाजपा ने उपचुनावों के लिए घोषित किए उम्मीदवार, बडगाम और घाटशिला में दौड़ तय

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। जम्मू-कश्मीर, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना और राजस्थान की आठ विधानसभा सीटों पर चुनाव 11 नवंबर को होंगे और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

जम्मू और कश्मीर में बडगाम (निर्वाचन क्षेत्र 27) से श्री आगा सैयद मोहसिन और नगरोटा (निर्वाचन क्षेत्र 77) से सुश्री देवयानी राणा भाजपा के उम्मीदवार हैं। झारखंड में घाटशिला (निर्वाचन क्षेत्र 45) से बाबूलाल सोरेन चुनाव लड़ेंगे। ओडिशा में जय ढोलकिया नुआपाड़ा (निर्वाचन क्षेत्र 71) से, और तेलंगाना में लंकाला दीपक रेड्डी जुबली हिल्स (निर्वाचन क्षेत्र 61) से चुनावी मैदान में उतरेंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि जम्मू और कश्मीर की बडगाम और नगरोटा सीटें अक्टूबर 2024 से रिक्त हैं। बडगाम में उपचुनाव इसलिए कराना आवश्यक हो गया क्योंकि पूर्व विधायक उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र को बनाए रखने का निर्णय लिया था। नगरोटा में उपचुनाव भाजपा के विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण हो रहा है।

उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक प्रभाव भी इन सीटों पर देखा जा रहा है। 2024 के विधानसभा चुनाव में उमर ने बडगाम में JKPDP के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतज़िर मेहदी को 18,485 मतों से हराया था। नगरोटा सीट पर उपचुनाव से पहले राणा ने 2024 में JKNC के उम्मीदवार जोगिंदर सिंह को 30,472 मतों से हराया था।

राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर भी 11 नवंबर को उपचुनाव होगा। इस सीट पर भाजपा के कंवर लाल मीणा को 2005 के एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में मीणा ने कांग्रेस नेता प्रमोद जैन भाया को 5,861 मतों से हराया था।

इन उपचुनावों को लेकर सभी राज्यों में चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं। भाजपा के उम्मीदवारों ने सक्रिय प्रचार शुरू कर दिया है और स्थानीय जनता से समर्थन की अपील की जा रही है। चुनाव आयोग ने भी सभी सीटों पर निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा और व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया है।

उपचुनावों के परिणाम प्रदेशों की राजनीतिक दिशा और आगामी चुनावों में जनता की रुझानों का संकेत देंगे। भाजपा के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है कि वह अपनी पकड़ मजबूत करे और विपक्षी दलों के दावों को चुनौती दे।

 

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