समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जून: भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। दिल्ली में बीते तीन दिनों से नए अध्यक्ष के नाम को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन सबसे बड़ी पेच फंसी है उत्तर प्रदेश में। बीजेपी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब 50 फीसदी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं।
प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर बन रही सहमति
महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल और तेलंगाना में सोमवार को नए प्रदेश अध्यक्षों के लिए नामांकन दाखिल होंगे और एक जुलाई को इन राज्यों में नए अध्यक्ष के नाम घोषित किए जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल में मौजूदा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं, ऐसे में वहां भी नया चेहरा तय करना जरूरी हो गया है। संगठन चुनाव की निगरानी के लिए रविशंकर प्रसाद, किरण रिजिजू और हर्ष मल्होत्रा को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मोदी की विदेश यात्रा से पहले फैसला जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से पांच देशों की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि उनकी विदेश यात्रा से पहले प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर मुहर लग जाए ताकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की राह आसान हो सके। वरना यह प्रक्रिया बिहार चुनाव के चलते अक्टूबर-नवंबर तक टल सकती है।
यूपी पर फंसा पेंच, ओबीसी या दलित चेहरा तय करेगा गेम
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश में है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पूरा हो चुका है। सूत्र बताते हैं कि यूपी में नया प्रदेश अध्यक्ष तय होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सहमति बन पाएगी। पार्टी की रणनीति है कि प्रदेश की सत्ता ठाकुर नेता योगी आदित्यनाथ के हाथ में है, तो संगठन की जिम्मेदारी ओबीसी या दलित को दी जाए ताकि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सामाजिक समीकरण साधे जा सकें। लोकसभा चुनाव में ओबीसी और दलित वोट बैंक में आई सेंध पार्टी को इस फैसले में उलझा रही है।
कई राज्यों में नए चेहरे की तलाश
महाराष्ट्र में रविंद्र चव्हान को दोबारा मौका मिलने की चर्चा है। हिमाचल में डॉ. जितेंद्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय करेंगे। कर्नाटक में बीवाई विजयेंद्र के विकल्प पर सीटी रवि या सुनील कुमार का नाम चल रहा है। मध्य प्रदेश में भी नए अध्यक्ष के लिए चार नामों पर चर्चा जारी है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ किसी मजबूत महिला चेहरे को उतारने की तैयारी है।
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