समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर। रविवार को भाजपा नेताओं ने राजस्थान में महिला अपराध के खिलाफ अवाज़ बुलंद करते हुए, राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा. जिसमें कांग्रेस गहलोत सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इस मौके पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इन नेताओं में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, डॉ किरोड़ी लाल मीणा, प्रदेश महासचिव दीया कुमारी, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद रामचरण बोहरा, राष्ट्रीय सचिव डॉ अलका सिंक गुर्जर शामिल थे.
हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले 48 घंटों में राजस्थान के तेरह अलग-अलग जगहों पर महिलाओं को प्रताड़ित करने समेंत बलात्कार की कई घटनाएं सामने आई हैं. राजस्थान से हर 48 घंटे में इस तरह की कम से कम एक घटना की खबर आ रही है, जिसमें महिला उत्पीड़न का मामला सामने आ रहा है. महिला सुरक्षा को लेकर राजस्थान सरकार सवालों के घेरे में है. राज्यवर्धन सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूट में एक महिला के साथ मार्मिक-निर्मम घटना घटी है.
किरोड़ी लाल मीना ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “अजीब विडंबना है कि जिस सरकार के शासनकाल में राज्य महिला उत्पीड़न और बलात्कार के मामले में देश में सबसे आगे है, वहीं सरकार सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के बजाय मिशन-2030 पर जाने का स्वांग रच रही है.” वहीं संसद के मानसून सत्र के दौरान भाजपा संसद राज्यवर्धन राठौर ने राजस्थान में बढ़ रहे बलात्कार घटनाओं के खिलाफ गहलोत सरकार पर निशाना साधा था. साथ ही कांग्रेस की इस गंभीर मामले पर चुप्पी साधने का भी आरोप लगाया.
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने हालिया राजस्थान दौरे के दौरान कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजस्थान में अपराध, बलात्कार, अराजकता, दंगा, पथराव, दलित और पिछड़ों पर ज़ुल्म की घटना अपने चरम पर हैं. राज्य की बदहाली किसी से छुपी नहीं है, राजस्थान इन्हें माफ नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने इन पांच सालों में राजस्थान को हर तरह से नुकसान पहुंचाया है. राज्य अपराधिक मामलों में देश में सबसे ऊपर है, क्या राजस्थान वालों ने इसलिए वोट किया था कि राज्य में महिला उत्पीड़न की घटनाएं इस तरह से बढ़ें.”
वहीं एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के अनुसार 2021 में राजस्थान महिला उत्पीड़न केस में देश में दुसरा स्थान पर रहा. राजस्थान में उस साल बलात्कार के सबसे ज़्यादा केस सामने आए.
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