गुजरात में बीजेपी ने 25 सीटों पर बड़े अंतर से दर्ज की जीत, आज पूरी कैबिनेट के साथ सीएम पद से इस्तीफा देंगे भूपेंद्र पटेल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9दिसंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को गुजरात विधानसभा चुनाव में 156 सीट पर विजेता घोषित होकर न सिर्फ ऐतिहासिक जीत दर्ज की, बल्कि बड़े अंतर से अच्छी-खासी संख्या में सीट हासिल कर कुछ और रिकॉर्ड भी तोड़े. घाटलोडिया और चोरयासी दो सीट पर जीत का अंतर दो लाख के करीब रहा. घाटलोडिया से लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए जीतने वाले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1.92 लाख से अधिक मतों से हराया. आठ सीट पर भाजपा उम्मीदवारों की जीत का अंतर एक लाख से डेढ़ लाख वोट के बीच रहा.
गुजरात में आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार समुदाय के एक वर्ग ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया था. लेकिन अब इस समूह का मतदाता इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की ओर लौट आया है. सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस ने 2017 में मोरबी, टंकारा, धोराजी और अमरेली की पाटीदार बहुल सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, ये सभी विधानसभा क्षेत्र इस बार भाजपा की झोली में गए. पाटीदार बहुल सूरत में जहां आम आदमी पार्टी (आप) कुछ सीट हासिल करने के लिए समुदाय पर निर्भर थी, लेकिन समूह ने बड़े पैमाने पर सत्ताधारी दल का समर्थन किया.
सत्तारूढ़ पार्टी पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस से अपने पाले में लाई और उन्हें वीरमगाम विधानसभा सीट से मैदान में उतारा, जहां से उन्होंने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की. वहीं, गुजरात विधानसभा चुनाव में ‘नोटा’ के तहत पड़े वोट की हिस्सेदारी 2017 की तुलना में नौ प्रतिशत से अधिक घट गई है, इस बार खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे अधिक 7,331 नोटा वोट पड़े हैं. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस चुनाव में 5,01,202 या 1.5 प्रतिशत वोट नोटा के थे, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में 5,51,594 से कम हैं. खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे ज्यादा 7,331 नोटा वोट पड़े, उसके बाद दांता में 5,213 और छोटा उदयपुर में 5,093 वोट पड़े.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और राज्यपाल से मुलाकात के बाद वह अपनी सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ ही उनकी पूरी कैबिनेट राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेगी. BJP के विधायक दल की बैठक शनिवार को सुबह 10 बजे कमलम, गांधीनगर में होगी, जहां विधायक दल का नेता चुना जाएगा.
इसकी वजह ये है कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल जनवरी माह तक है, इसलिए सीएम के साथ पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना होगा और विधानसभा को भंग करना होगा. ये इसलिए आवश्यक है क्योंकि मुख्यमंत्री का कार्यकाल अभी बाकी है.
सीएम के रूप में भूपेंद्र पटेल 12 दिसंबर को फिर से शपथ लेंगे.
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