समग्र समाचार सेवा
अहमदाबाद,19 फरवरी। गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। पार्टी ने जूनागढ़ नगर निगम (JMC), 68 में से 60 नगरपालिकाओं और सभी तीन तालुका पंचायतों पर कब्जा कर लिया, जहां 16 फरवरी को मतदान हुआ था।
इस चुनावी परिणाम ने गुजरात की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाया है। बीजेपी ने कांग्रेस से एक दर्जन से अधिक नगरपालिकाएं छीन लीं, जिससे राज्य में उसका वर्चस्व और मजबूत हो गया है। इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था, जब उसने राज्य की 26 में से 25 लोकसभा सीटें जीती थीं।
जूनागढ़ में बीजेपी का कब्जा बरकरार, स्थानीय निकायों में बढ़त
60 सदस्यीय जूनागढ़ नगर निगम में बीजेपी ने 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 11 सीटें मिलीं और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। राज्य चुनाव आयोग (SEC) के आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी ने कुल 60 नगरपालिकाओं में जीत हासिल की, जबकि समाजवादी पार्टी (एसपी) ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दो नगरपालिकाओं पर कब्जा जमाया और कांग्रेस को सिर्फ एक नगरपालिका—सलाया (देवभूमि द्वारका जिला) में जीत मिली।
पांच नगरपालिकाओं—मांगरोल, डाकोर, अंकलाव, छोटाउदेपुर और बावला—में त्रिशंकु स्थिति रही, जहां किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया, बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रचंड जीत को जनता के विश्वास का प्रतीक बताया और कहा कि गुजरात में बीजेपी पर भरोसा “अटूट और लगातार मजबूत होता जा रहा है।” उन्होंने इसे “विकास की राजनीति” की पुष्टि करार दिया।
गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी. आर. पाटिल ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व, गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नीतियों को दिया। मुख्यमंत्री पटेल ने राज्य की प्रगति के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
कांग्रेस का पतन, एसपी की बढ़ती पैठ
बीजेपी ने कांग्रेस के कई पारंपरिक गढ़ों पर कब्जा कर लिया, जिनमें राधनपुर, महुधा, मनावदर, राजुला और धोराजी शामिल हैं। 2018 में कांग्रेस ने 14 नगरपालिकाएं सीधे जीती थीं और दो नगरपालिकाओं में निर्दलीयों के समर्थन से शासन किया था, लेकिन इस बार पार्टी पूरी तरह से कमजोर नजर आई।
समाजवादी पार्टी (एसपी) ने गुजरात में अपना प्रभाव बढ़ाते हुए पोरबंदर जिले की कुटियाना और रणावाव नगरपालिकाएं जीतीं। गुजरात में एसपी विधायक कंधल जाडेजा के नेतृत्व में पार्टी ने यह सफलता हासिल की। जाडेजा 2022 विधानसभा चुनावों से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) छोड़कर एसपी में शामिल हुए थे।
बिना प्रतिद्वंद्वी जीती सीटें और भविष्य की संभावनाएं
राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि विभिन्न स्थानीय निकायों की 213 सीटों पर कोई मुकाबला नहीं हुआ क्योंकि अन्य दलों के प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया, जिससे बीजेपी को एकतरफा बढ़त मिली। बीजेपी ने भचाऊ, जाफराबाद, बांटवा और हलोल नगरपालिकाओं में भी निर्विरोध जीत हासिल की।
जिन पांच नगरपालिकाओं में स्पष्ट जनादेश नहीं मिला, वहां बीजेपी नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से बहुमत साबित करने का भरोसा जताया है।
निष्कर्ष
गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे एक बार फिर बीजेपी के मजबूत जनाधार को दर्शाते हैं, जबकि कांग्रेस के लिए यह एक और बड़ा झटका साबित हुआ। बीजेपी के इस विस्तार से विपक्षी दलों के लिए आगामी चुनावों में अपनी स्थिति सुधारना एक कठिन चुनौती होगी।
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