असम-मिजोरम के बीच सीमा पर खूनी खेल, 6 की मौत, कैसे हुई खूनी खेल की शुरुआत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27जुलाई। असम और मिजोरम के बीच कई दिनों से चल रहा सीमा विवाद का मुद्दा सोमवार को खूनी खेल में बदल गया। इस दौरान दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच जमकर झड़प हुई है। कछार जिले में सीमा के पास हुई फायरिंग में असम पुलिस के पांच कर्मियों की मौत हो गई है। जबकि एसपी समेत 50 से ज्यादा कर्मी घायल हैं। सीमा के पास दोनों तरफ तनाव की स्थिति बनी हुई है।

सीमा विवाद के बीच दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। साथ ही एक-दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। दोनों ने केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए। जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में बदमाशों ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया। असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है। जबकि मिजोरम में भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है।

असम की बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हाइलाकांडी की 164 किलोमीटर लंबी सीमा मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासीब और मामित के साथ लगती हैं। जमीन विवाद के बाद अगस्त 2020 और इस वर्ष फरवरी में अंतरराज्यीय सीमा के पास संघर्ष हुए।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ट्वीट कर कहा कि मुझे यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए असम पुलिस के पांच बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने एक दिन पहले ही पूर्वोत्तर में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सीमा विवाद को लेकर शिलांग में बैठक की थी। इसमें असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख शामिल हुए थे।

हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद पर बात की और उनसे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा।
बताया जा रहा है कि असम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सीमा पार से उपद्रवियों ने उस समय अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जब दोनों पक्षों के नागरिक अधिकारी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे। अधिकारी ने फोन पर कहा कि मैं तत्काल यह नहीं बता सकता कि कितने लोग घायल हुए हैं, लेकिन मेरा अनुमान है कि कम से कम 50 कर्मी घायल हुए। गोलीबारी में हमारे एसपी भी घायल हो गए और एक गोली उनके पैर में लगी। आईपीएस अधिकारी जब फोन पर बात कर रहे थे तब वह जंगल के अंदर छिपे हुए थे और पीछे से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी।

हैरानी वाली बात यह है कि सीमा विवाद के बीच असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने ट्विटर पर एक दूसरे पर आरोप लगा मामलें को सुलझानें के बजाया आपस में ही लड़ रहे है। हालांकि, बाद में दोनों मुख्यमंत्रियों ने बताया था कि उनके बीच बातचीत हुई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से बात की है और उनकी पुलिस शांति बनाए रखेगी। सरमा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात की है और कहा कि असम पुलिस सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि मैंने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री जोरामथांगा जी से बात की।

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