समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 अप्रैल। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए हुए हैं। गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचने के बाद बोरिस जॉनसन साबरमती आश्रम पहुंचे और वडोदरा में बुलडोजर प्लांट का उद्घाटन किया। आज ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दिल्ली में राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोरिस जॉनसन की अगुवाई की। बोरिस जॉनसन ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात से पहले उद्योगपति गौतम अडानी से मुलाकात की। बता दें कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन शाम को गुजरात से दिल्ली पहुंच गए हैं और आज उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली है।
वडोदरा में बुलडोजर प्लांट का किया उद्घाटन
गुजरात दौरे के दौरान वडोदरा में बोरिस जॉनसन ने 10 करोड़ पाउंड (995 करोड़) रुपये के निवेश से स्थापित होने वाले बुलडोजर प्लांट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम यूक्रेन के मुद्दे को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सा कूटनीतिक रूप से उठा चुके हैं। यह पूछे जाने पर क्या वह यूक्रेन पर भारत के रुख के मुद्दे को मोदी के साथ उठाएंगे तो उनहोंने कहा कि मुझे लगता है कि हर कोई समझता है कि भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से अलग रिश्ते है, जैसे रूस और ब्रिटेन के बीच पिछले कुछ दशकों में थे।
व्यापारिक साझीदार बनना चाहता है ब्रिटेन
गुजरात के अपने दौरे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विज्ञान, स्वास्थ्य, तकनीकी के क्षेत्र में निवेश की घोषणा कर सकते हैं। इसके बाद शुक्रवार यानी कल बोरिस जॉनसन की मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से होगी। इस मुलाकात में रक्षा व व्यापार समझौतों पर चर्चा होगी। बता दें कि ब्रिटेन का लक्ष्य है साल 2035 तक अपने व्यापार को 36.5 अरब डॉलर बढ़ाना। एक समय था जब ब्रिटेन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार था लेकिन अब ब्रिटेन 17वें नंबर पर पहुंच चुका है। वर्तमान में भारत का सबसे ज्यादा व्यापार अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात से होता है।
मिलिट्री हार्डवेयर के उप्तादन पर चर्चा
पीएम मोदी और पीएम बोरिस जॉनसन के बीच कई खास मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान भारत प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी बातची होगी जहां चीन अपना दबदबा बढ़ाने में लगा है जो कि ब्रिटेन के लिए चिंता का विषय है। पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा बनने पर चर्चा करेंगे। ब्रिटेन रक्षा क्षेत्र में भारत के सा सहयोग करने का इच्छुक है और संयुक्त रूप से मिलिट्री हार्डवेयर का उत्पादन करना चाहता है।
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