समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 22जुलाई। उत्तर प्रदेश में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच केंद्रीय नेतृत्व ने विस्तार को हरी झंडी दे दी है। इसके लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल दिल्ली के नेताओं से मिलने गए और नए मंत्रियों के नामों पर चर्चा की।
विधान परिषद की ख़ाली पड़ी सीटों को भरने की क़वायद भी शुरू हो गई है. यूपी से विधानपरिषद की चार सीटें ख़ाली पड़ी हुई हैं. इनमें चार नेता नामांकित होंगे. जितिन प्रसाद को विधान परिषद ले ज़ाया जाएगा. पार्टी उन्हें योगी मंत्रिमंडल में मंत्री भी बनाने पर विचार कर रही है।
फिलहाल माना जा रहा है कि मंत्रियों को हटाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, लेकिन संगठन के शीर्ष नेताओं और संगठन के विचारकों की राय है कि चुनाव से ठीक पहले ज्यादा मंत्रियों को हटाना जनता में गलत संदेश भेज सकता है। विपक्ष को सरकार के विफल मंत्रियों के रूप में बड़ा मुद्दा मिल सकता है इसलिए मंत्रियों को हटाने के कदम को यथासंभव टाला जाना चाहिए। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि सभी मंत्री एक जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं और उनका प्रभाव अपने क्षेत्रों में भी है।
जितिन प्रसाद यूपी के क़द्दावर ब्राह्मण परिवार से आते हैं। ब्राह्मणों की नाराज़गी दूर करने के लिए जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाया जा सकता है. दूसरा नाम संजय निषाद का है, जिन्हें यूपी विधान परिषद में भेजा जा सकता है. संजय निषाद, निषाद पार्टी के संस्थापक हैं और बीजेपी के सामने दबाव बना रहे हैं कि उन्हें उपमुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करके चुनाव मैदान में उतारा जाए।
साथ ही संजय निषाद को विधान परिषद भेजा जा सकता और संजय निषाद को मंत्री भी बनाया जा सकता है। उनके बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर सीट से लोकसभा सांसद हैं। कुल मिलाकर आने वाले वक्त योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में चार से छह मंत्री शामिल किए जा सकते हैं।
योगी मंत्रिमंडल की वर्तमान स्थिति
फिलहाल योगी मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं. यानी मंत्रियों की संख्या कुल 54 है. नियमों के मुताबिक, अभी 6 मंत्री पद खाली हैं. ऐसे में योगी सूत्रों का दावा है कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा. इसमें ओबीसी, ब्राह्रण के साथ ही अन्य जातियों को साधने की कोशिश हो सकती है।
केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी सूची
जानकारी के अनुसार बता दें कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी गई है। इस फैसले के बाद सूची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी जाएगी और उसके आधार पर आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। दिल्ली में यूपी के भाजपा संगठन के नेताओं की बैठकों के दौरान यूपी में एमएलसी के लिए नामों पर भी चर्चा हुई। हुआ। इस संबंध में संगठन ने निर्णय लिया है कि बाहरी लोगों के बजाय संगठन और पार्टी के लिए काम करने वाले लोगों को तरजीह दी जाएगी, ताकि वे आने वाले चुनाव में और गंभीरता से काम कर सकें।
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