साढ़े तीन घंटे तक मंथन: कश्मीरी नेताओं ने जल्द चुनाव कराने के लिए की मांग, पीएम मोदी ने दिया आश्वासन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जून। लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने की। बता दें कि करीब साढ़े तीन घंटे तक मंथन किया गया फिर शाम 6:30 बजे के करीब कश्मीरी नेताओं संग पीएम मोदी की ये बैठक खत्म हुई। पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि J&K को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द वापस मिले।
साथ ही, राज्य में जल्द चुनाव कराने की बात भी कही गई। बैठक में मौजूद नेताओं ने बताया कि राज्य के बंटवारे पर भी नाराजगी जताई गई। इसके अलावा विकास के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
कश्मीर पार्टी में अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने बताया कि बातचीत बड़े अच्छे माहौल में हुई। पीएम मोदी ने सभी नेताओं के मुद्दे सुने। उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अल्ताफ बुखारी ने कहा कि परिसीमन खत्म करने को लेकर समयसीमा फिलहाल तय नहीं की गई। इसके अलावा चुनाव जल्द कराने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हर किसी ने अपने दिल की बात कही।
उन्होंने अनुच्छेद 370 के सवाल पर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती। दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी।
हालांकि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। महबूबा ने प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था। हम धारा 370 को संवैधानिक और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी। पहली मांग थी कि राज्य का दर्जा जल्दी बहाल करे सरकार। उन्होंने कहा कि हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली। केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं। बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नेताओं ने पूर्ण राज्य की मांग की है।
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