ब्राजील में पहले ब्रिक्स संसदीय फोरम का समापन, लोकसभा अध्यक्ष ने साझा संकल्प और भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया
समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली/ब्रासीलिया, 7 जून: ब्राजील में आयोजित प्रथम ब्रिक्स संसदीय फोरम के सफल समापन के बाद भारत के लोकसभा अध्यक्ष ने एक औपचारिक वक्तव्य जारी किया। उन्होंने सम्मेलन की मेज़बानी के लिए ब्राजील की संसद, सरकार और वहां की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया तथा इस बहुपक्षीय मंच को भविष्य के वैश्विक सहयोग और समृद्धि की दिशा में एक प्रभावशाली पहल बताया।
सम्मेलन में उठे कई अहम मुद्दे
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस फोरम में ब्रिक्स देशों—ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इनमें संसदीय सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के नियमन और आर्थिक समावेशन जैसे विषय प्रमुख रहे।
ब्रिक्स देशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भविष्य में AI का इस्तेमाल जरूरी है, लेकिन इसके उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। तकनीक का मानवीय हितों के अनुरूप उपयोग तथा वैश्विक स्तर पर इसके नीतिगत ढांचे की ज़रूरत को भी स्वीकार किया गया।
आतंकवाद के विरुद्ध साझा संकल्प
सम्मेलन के दौरान सभी सदस्य देशों ने मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने की प्रतिबद्धता जताई। भारत के पहलगाम (कश्मीर) में 22 अप्रैल को हुई आतंकवादी घटना की निंदा करते हुए एक साझा संकल्प पारित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक साझा चेतावनी है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई अपील—दुनिया के सभी देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाने की—को व्यापक समर्थन मिला।
आर्थिक सहयोग और व्यापार विस्तार की चर्चा
ब्रिक्स फोरम में आर्थिक समावेशन पर भी गहन मंथन हुआ। चर्चा का फोकस इस बात पर रहा कि ब्रिक्स देश आपसी व्यापार को कैसे सशक्त बना सकते हैं और वैश्विक आर्थिक असंतुलन के बीच सहयोग की नई संभावनाएं कैसे खोजी जा सकती हैं।
भारत की आगामी मेज़बानी
लोकसभा अध्यक्ष ने यह घोषणा भी की कि भारत अगला ब्रिक्स संसदीय शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि भारत इस अवसर को सार्थक, समावेशी और उपयोगी बनाने के लिए एक विस्तृत एजेंडा तैयार करेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत की मेजबानी में यह सम्मेलन ब्रिक्स के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
सहयोग और साझा प्रथाओं पर बल
अपने समापन वक्तव्य में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “मैं विश्वास करता हूँ कि संयुक्त प्रयासों, संसदीय आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों के साझा उपयोग से हम अपने नागरिकों के जीवन में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं।” उन्होंने सभी ब्रिक्स देशों की संसदों के स्पीकर्स और प्रेसिडेंट्स को शुभकामनाएं भी दीं।
I extend my heartfelt thanks to the Parliament, Government, and people of Brazil for hosting a successful 11th BRICS Parliamentary Forum.
BRICS nations unanimously condemned the Pahalgam terror attack and reaffirmed a collective zero-tolerance policy against terrorism.
It was… pic.twitter.com/ro8QXLmPSz
— Om Birla (@ombirlakota) June 7, 2025
ब्रिक्स संसदीय फोरम का यह पहला आयोजन था, लेकिन इसके संदेश वैश्विक स्तर पर गूंजते दिखे—चाहे वह आतंकवाद के विरुद्ध एकता की बात हो, एआई जैसी उभरती तकनीकों के नैतिक उपयोग की चर्चा, या फिर विकासशील देशों के बीच व्यापारिक समावेशन की योजना। भारत की आगामी मेज़बानी से यह स्पष्ट है कि नई दिल्ली अब केवल एक सहभागी नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता की भूमिका में आगे बढ़ रही है।
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