समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 फरवरी। ब्रिटेन ने रूस की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसकी योजना पूरे यूक्रेन पर ही कब्जा जमाने की है। ब्रिटेन के डिफेंस मिनिस्टर बेन वॉलेस ने शुक्रवार को कहा कि रूस की मंशा यह है कि पूरे यूक्रेन पर कब्जा जमा लिया जाए, लेकिन वह युद्ध के पहले दिन इस कोशिश में असफल होता दिखा है। इससे पहले गुरुवार को ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भी रूस और पुतिन पर जोरदार हमला बोला था। जॉनसन ने कहा था कि पुतिन रूस के तानाशाह हैं और इस हमले से उन्होंने नियमों को उल्लंघन किया है। यही नहीं उनका कहना था कि रूस ने दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद से अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई की शुरुआत कर दी है।
यूक्रेन की राजधानी कीव की घेरेबंदी की कोशिशें
एक साक्षात्कार में जॉनसन ने कहा था कि रूस की तैयारी यह है कि यूक्रेन की राजधानी कीव की घेरेबंदी की जाए। उनका कहना था कि रूस को समझना चाहिए कि इस युद्ध में कितनी बड़ी जनहानि होगी। अमेरिकी सरकार के अनुमान के मुताबिक रूस ने 1 लाख 70 हजार से ज्यादा सैनिक यूक्रेन की सीमा पर तैनात कर रखे हैं। गुरुवार से ही यूक्रेन पर रूस के हमले तेज हैं। इस बीच यूक्रेन का कहना है कि उसने 800 रूसी सैनिकों को हमलों में मार गिराया है। यही नहीं बड़ी संख्या में रूस के विमानों और हेलिकॉप्टर्स को भी तबाह कर दिया है।
यूरोपियन यूनियन ने रूस पर बड़ा प्रतिबंध लगा दिया
इस बीच यूरोपियन यूनियन ने रूस पर बड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। यूरोपियन यूनियन की प्रेसिडेंट उर्सला वॉन डेर लेयेन ने शुक्रवार को कहा कि ईयू रूसी एयरलाइनों को विमान के अतिरक्ति पुर्जों और उपकरणों का एक्सपोर्ट नहीं करेगा। लेयेन यूरोपियन यूनियन के शिखर सम्मेलन के बाद कहा, ‘तीसरा विषय यह है कि रूस की एयरलाइनों को सभी विमानों के स्पेयर पार्ट्स और उपकरणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह रूस की अर्थव्यवस्था और देश की कनेक्टिविटी के प्रमुख क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाएगा। रूस के वर्तमान वाणज्यिकि हवाई बेड़े का 3/4 हमने ईयू, अमेरिका और कनाडा में बनाया है। इसलिए वे बड़े पैमाने पर उस पर निर्भर हैं।
जो बाइडेन सेना क्यों नहीं भेज रहे
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद अमेरिका ने साफ कर दिया है वह अमेरिकी सैनिकों को लड़ने के लिए यूक्रेन नहीं भेजेगा। जो बाइडेन ने कहा है कि रूसी भले लड़ने को तैयार हों लेकिन अमेरिका लड़ने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं, बाइडेन ने यूक्रेन में फंसे अमेरिकी नागरिकों को बचाने के लिए भी सेना भेजने से इनकार कर दिया है। यूक्रेन, अमेरिका का पड़ोसी देश नहीं है। यूक्रेन में अमेरिका का कोई सैन्य अड्डा नहीं है। यूक्रेन के पास तेल का भंडार नहीं है और यूक्रेन अमेरिका का प्रमुख ट्रेड पार्टनर नहीं है। इसके सबके साथ ही यूक्रेन नाटो सदस्य भी नहीं है। हालांकि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा हित से इतर जाकर सैन्य हस्तक्षेप करता रहा है लेकिन अफगानिस्तान से लौटने के बाद अमेरिका तुरंत युद्ध मामलों में पड़ने से बचना चाह रहा है।
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