ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अविश्वास प्रस्ताव जीता, 211 में से 148 सांसदों का मिला समर्थन
समग्र समाचार सेवा
लंदन,7जून। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया। कंजरवेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया।
अंतिम परिणाम के अनुसार, ‘टोरी’ के कम से कम 148 संसदीय सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट किया था। इससे उनके समीक्षकों को उनकी आलोचना करने का मौका मिल गया है, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि परिणाम दिखाते हैं कि पार्टी के अधिकतर सदस्य उनके साथ हैं।
परिणाम आने के बाद जॉनसन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राजनीति और देश के लिए यह एक बेहद अच्छा परिणाम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बस इसलिए मुझे लगता है कि यह एक बेहतर, निर्णायक परिणाम है, जिसका मतलब है कि एक सरकार के तौर पर हम आगे भी काम करना जारी रख सकते हैं और उन चीजों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं, जो वाकई लोगों के लिए मायने रखती है। मुझे अपने संसदीय सहयोगियों से 2019 की तुलना में कहीं अधिक बड़ा जनादेश मिला है।’’
अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान हुआ। जॉनसन को ‘टोरी’ के 359 संसदीय दल के सदस्यों में से जीत के लिए 180 मत चाहिए थे। 1922 समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने पहले बताया था कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसदों (15 प्रतिशत) ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की मांग की है।
कंजरवेटिव पार्टी के मौजूदा नियमों के तहत, अब जॉनसन कम से कम एक साल तक इस तरह के किसी अन्य अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास) में जून 2020 में आयोजित एक जन्मदिन पार्टी में कोविड-19 लॉकडाउन संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप को लेकर 40 से अधिक सांसदों ने जॉनसन के इस्तीफे की मांग की थी। मामला लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है और शीर्ष सिविल सेवक सू ग्रे के नेतृत्व में की गई जांच की विफलताओं को लेकर भी कई सवाल उठाए गए हैं।
स्कॉटलैंड यार्ड जांच के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 2020-2021 के लॉकडाउन के दौरान सरकारी कार्यालयों के भीतर दलों ने नियमों का उल्लंघन किया। जॉनसन और उनकी पत्नी कैरी पर जून 2020 में डाउनिंग स्ट्रीट के कैबिनेट रूम में लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन कर जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने के आरोप में जुर्माना भी लगाया गया था।
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