समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 फरवरी। भारत सरकार ने बजट 2025 में आम जनता, वरिष्ठ नागरिकों और छोटे व्यवसायियों को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण आयकर सुधार (Income Tax Reforms) की घोषणा की है। इस बजट में कर भार को कम करने, अनुपालन को आसान बनाने और करदाताओं को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
12 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा कोई कर
सरकार ने आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है, जिससे मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पहले यह सीमा 7 लाख रुपये तक थी, लेकिन अब करदाताओं को अधिक बचत का अवसर मिलेगा।
किराये और ब्याज पर TDS सीमा बढ़ी
- किराए पर टीडीएस (TDS on Rent): पहले 2.4 लाख रुपये तक के वार्षिक किराए पर टीडीएस कटौती की सीमा थी, जिसे अब 6 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे छोटे किरायेदारों और मकान मालिकों को राहत मिलेगी।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस (TDS on Interest for Senior Citizens): अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। यह कदम उनके वित्तीय स्थायित्व को मजबूत करेगा।
पैन कार्ड धारकों को राहत, गैर-पैन मामलों में उच्च दर से कटेगा TDS
सरकार ने टीडीएस (Tax Deducted at Source) दरों को लेकर भी बड़ा सुधार किया है। अब उच्च दरें केवल उन्हीं मामलों में लागू होंगी, जहां पैन (PAN) उपलब्ध नहीं है। इससे ईमानदार करदाताओं को अनावश्यक कर बोझ से राहत मिलेगी।
अपडेटेड रिटर्न भरने की समय सीमा 4 साल तक बढ़ी
अब करदाता अपनी अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न (Updated Returns) 4 साल तक भर सकते हैं। इससे उन करदाताओं को फायदा होगा जो किसी गलती के कारण पिछली रिटर्न में बदलाव करना चाहते हैं।
छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए पंजीकरण वैधता 10 साल तक बढ़ी
अब छोटे धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्टों के लिए पंजीकरण की वैधता 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है। इससे सामाजिक कार्य करने वाले संगठनों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा और उन्हें बार-बार पुनः पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी।
सेफ हार्बर नियम (Safe Harbor Rule) का विस्तार
सरकार ने सेफ हार्बर नियमों (Safe Harbor Rule) का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। यह नियम कंपनियों और बहुराष्ट्रीय संस्थानों को कर अनुपालन में स्पष्टता और स्थिरता प्रदान करते हैं, जिससे कारोबार करना आसान होगा और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
बजट 2025 के ये आयकर सुधार आम करदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, छोटे व्यापारियों और सामाजिक संगठनों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। कर छूट की सीमा में वृद्धि, टीडीएस में राहत और रिटर्न फाइल करने की विस्तारित समयसीमा से करदाताओं को अधिक सहूलियत मिलेगी। ये सुधार “सरल और पारदर्शी कर व्यवस्था” की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगे।
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