‘आप फ्रॉड में शामिल हो…’, बोलकर मुंबई की महिला को लगाया सवा करोड़ का चूना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,1 जनवरी।
मुंबई में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को साइबर ठगों ने ‘आप फ्रॉड में शामिल हो’ कहकर सवा करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। यह घटना एक बार फिर साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देती है।

कैसे दिया ठगों ने धोखा?

साइबर ठगों ने महिला को कॉल कर खुद को सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताया। उन्होंने महिला से कहा कि उसका नाम एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल पाया गया है। इससे महिला घबरा गई और खुद को निर्दोष साबित करने के लिए ठगों की बातों में आ गई।

इसके बाद, ठगों ने महिला से उसकी व्यक्तिगत जानकारी और बैंक खातों का विवरण मांगा। महिला ने ठगों को पूरी जानकारी दे दी, जिसके बाद ठगों ने धीरे-धीरे उसके खाते से कुल ₹1.25 करोड़ रुपये उड़ा लिए।

ठगों ने किस तरह विश्वास बनाया?

  1. सरकारी अधिकारी बनकर बात की: ठगों ने खुद को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और पुलिस अधिकारी बताया।
  2. डर का माहौल बनाया: महिला को बताया गया कि अगर उसने सहयोग नहीं किया, तो उसे जेल जाना पड़ेगा।
  3. झूठे दस्तावेज़ भेजे: ठगों ने नकली दस्तावेज़ और आईडी प्रूफ भेजकर महिला का विश्वास जीता।

पुलिस जांच में क्या सामने आया?

जब महिला को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई है, तो उसने तुरंत स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया कि ठगों ने कॉल करने के लिए फेक नंबर और बैंक खातों के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।

ऐसी ठगी से कैसे बचें?

  1. अनजान कॉल्स पर विश्वास न करें: किसी भी कॉल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
  2. सरकारी एजेंसियां बैंक डिटेल नहीं मांगतीं: यह जान लें कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर बैंक खाते की जानकारी नहीं मांगती।
  3. डर में आकर निर्णय न लें: ठग आमतौर पर लोगों को डराकर अपना काम निकालते हैं। ऐसे में शांत रहें और सतर्क रहें।
  4. साइबर क्राइम हेल्पलाइन का इस्तेमाल करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।

नतीजा

मुंबई में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि ठगों के जाल में फंसने के लिए पढ़ा-लिखा होना भी काफी नहीं है। जरूरी है कि हर व्यक्ति साइबर फ्रॉड के प्रति सतर्क रहे और किसी भी संदिग्ध कॉल या ईमेल पर पूरी तरह सावधानी बरते।

यह घटना हम सबके लिए एक सीख है कि डिजिटल युग में हमें अपनी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

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