कैबिनेट ने संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को दी मंजूरी, दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 मार्च।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के संशोधित संस्करण को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत 1,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है, जिससे 2021-22 से 2025-26 के बीच 15वें वित्त आयोग चक्र के लिए कुल बजट 2,790 करोड़ रुपये हो गया है।

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है। यह योजना दूध संग्रह, प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने और गुणवत्ता नियंत्रण को मजबूत करने पर केंद्रित होगी, जिससे किसानों को बाजार तक बेहतर पहुंच और अधिक लाभकारी मूल्य मिल सकेगा।

  1. घटक A: डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना

    • दूध शीतलन संयंत्रों, उन्नत मिल्क टेस्टिंग प्रयोगशालाओं और प्रमाणन प्रणालियों की स्थापना।
    • नए ग्राम स्तरीय डेयरी सहकारी समितियों का गठन।
    • उत्तर पूर्वी क्षेत्र (NER), पहाड़ी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डेयरी प्रसंस्करण को बढ़ावा
    • दो नई मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों (MPCs) की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता।
  2. घटक B: डेयरी क्षेत्र में सहकारी समितियों के माध्यम से विकास (DTC)

    • यह घटक जापान सरकार और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से संचालित होगा।
    • इसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को शामिल किया गया है।
    • डेयरी सहकारी समितियों के विकास, उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन अवसंरचना को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
  • 18.74 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
  • 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए
  • दूध संग्रह क्षमता में 100.95 लाख लीटर प्रतिदिन की वृद्धि
  • 51,777 गांवों में मिल्क टेस्टिंग प्रयोगशालाएँ स्थापित की गईं।
  • 123.33 लाख लीटर क्षमता वाले 5,123 बल्क मिल्क कूलर लगाए गए।
  • 169 प्रयोगशालाओं में FTIR (Fourier Transform Infrared) मिल्क एनालाइजर स्थापित किए गए।
  • 232 डेयरी संयंत्रों में मिलावट का पता लगाने की उन्नत प्रणाली लागू की गई।

संशोधित NPDD के तहत 10,000 नई डेयरी सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में दूध प्रसंस्करण सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा और दो नई मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों (MPCs) को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे 3.2 लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिसमें 70% भागीदारी महिलाओं की होगी

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) भारत में आधुनिक डेयरी अवसंरचना का विस्तार करेगा। यह योजना नई सहकारी समितियों को तकनीकी सहायता और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की सुविधा प्रदान करेगी। इससे ग्रामीण आजीविका में सुधार होगा, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और डेयरी उद्योग अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा

सरकार का यह कदम ‘श्वेत क्रांति 2.0’ को और गति देने के साथ-साथ लाखों किसानों और डेयरी उद्योग से जुड़े हितधारकों को सीधा लाभ पहुंचाएगा।

 

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