किसी भी वक्त हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार

[सुनील अग्रवाल]
भागलपुर। वो घड़ी आ गई जिसका लम्बे समय से सबों को था इंतजार। बिहार में किसी भी वक्त मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। इसके लिएद्वारा आपसी सहमति पर मुहर लग गई है। सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल के विस्तार की वो घड़ी अब शीघ्र ही समाप्त होने वाली है जिसकी प्रतीक्षा लम्बे समय से की जा रही थी। नीतीश कैबिनेट विस्तार की तमाम अड़चनें दूर कर ली गई हैं। इतना तो तय है कि भाजपा कोटे से शहनवाज हुसैन का नाम सबसे ऊपर रखा गया है।
मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा का फोकस जाति समीकरण पर रहेगा। जिस जाति के विधायकों की संख्या अधिक होगी उसे उसी आधार पर मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिलेगा। अगर कायदे कानून की बात करें तो बिहार कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं।इस लिहाज से 22 नये चेहरे को कैबिनेट विस्तार में जगह मिल सकती है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि एनडीए के घटक दलों में किस पार्टी से कितने विधायकों को जगह मिलना है। यूं तो नीतीश कुमार फिफ्टी फिफ्टी के फार्मूले को तवज्जो देते रहे हैं,जिस कारण मंत्रिमंडल विस्तार में विलंब होता रहा है।
सूत्रों की मानें तो नये मंत्रिमंडल में 11-11 या फिर 10-12 के फार्मूले को अमलीजामा पहनाया जा सकता है। भाजपा की ओर से जिन नये चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है उनमें संभावित नामों की फेहरिस्त में शहनवाज हुसैन, संजीव चौरसिया, संजय सरावगी, सम्राट चौधरी, भागीरथी देवी, कृष्ण कुमार ऋषि, नीतीश मिश्रा,संजय सिंह, रामप्रवेश राय,राणा रणवीर, नितिन नवीन,ई.शैलेन्द् शामिल हैं।
वहीं दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड की ओर से जिन विधायकों को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जानी है उनमें श्रवण कुमार,लेसी सिंह, सुधांशु शेखर, सुमित सिंह, शालिनी मिश्रा,नीरज कुमार, महेश्वर हजारी,बीमा भारती, कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा के नामों की चर्चा जोरों पर हैं।
जानकारों की मानें तो विस्तार के बाद नीतीश कैबिनेट का आकार कुछ इस प्रकार होगा। भाजपा से 18, जदयू से 16 और हम व वीआईपी पार्टी से 1-1 यानि कुल 36 मंत्री शामिल रहेंगे। फिलवक्त नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से 7, जदयू से 5 और वीआईपी एवं हम से 1-1 मंत्री शपथग्रहण के साथ ही बनाए जा चुके हैं।

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