समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 अमेरिका की नौसेना का एक अत्याधुनिक F-35C स्टेल्थ लड़ाकू विमान मंगलवार शाम लीमोर एयर स्टेशन के पास करीब 6:30 बजे (स्थानीय समय) दुर्घटनाग्रस्त हो गया। राहत की बात यह रही कि पायलट समय रहते विमान से सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया और उसकी जान बच गई।
धुएं और लपटों से घिरा हादसा स्थल
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दुर्घटनाग्रस्त विमान से उठता घना काला धुआं और तेज लपटें साफ़ देखी जा सकती हैं। घटनास्थल पर राहत एवं बचाव दल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया।
Photo shows smoke amid reports of jet crash at field in Fresno County, California; pilot status unclear. pic.twitter.com/Kf6r9sBDbX
— AZ Intel (@AZ_Intel_) July 31, 2025
विमान का मलबा लीमोर नेवल एयर स्टेशन के पास के खुले इलाके में बिखरा हुआ मिला, जिससे बड़े हादसे की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन कोई अन्य जनहानि नहीं हुई।
नौसेना ने दी जानकारी: ‘रफ रेडर्स’ स्क्वाड्रन का विमान था
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, यह F-35C लड़ाकू विमान VF-125 स्क्वाड्रन से संबंधित था, जिसे “Rough Raiders” के नाम से जाना जाता है। यह स्क्वाड्रन विशेष रूप से पायलटों और एयरक्रू को ट्रेनिंग देने के लिए ज़िम्मेदार है और एक फ्लोट रिप्लेसमेंट स्क्वाड्रन के रूप में कार्य करता है।
अमेरिकी नौसेना ने एक बयान में कहा,
“विमान एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था जब यह दुर्घटनाग्रस्त हुआ। घटना की पूरी जांच शुरू कर दी गई है और तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गई है।”
F-35C: अत्याधुनिक लेकिन संवेदनशील तकनीक
F-35C फाइटर जेट अमेरिका की पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ मल्टीरोल फाइटर विमान है, जिसे खासतौर पर एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रडार से बचने की क्षमता, हाई स्पीड कम्युनिकेशन सिस्टम और सटीक लक्ष्य भेदन इसे दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट्स में से एक बनाता है।
हालांकि, बीते कुछ वर्षों में F-35 विमानों के साथ तकनीकी समस्याएं और दुर्घटनाएं सामने आती रही हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
सुरक्षा बनी प्राथमिकता
हालांकि इस दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, फिर भी यह हादसा F-35C कार्यक्रम की चुनौतियों की ओर इशारा करता है। अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए यह एक बार फिर पायलटों की सुरक्षा, तकनीकी निगरानी और संचालन प्रक्रिया की समीक्षा का अवसर है।
जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस हादसे के पीछे तकनीकी खामी, मानव त्रुटि, या संवाद प्रणाली में विफलता जिम्मेदार थी।
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