MS Dhoni ICC Hall of Fame: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। टीम इंडिया के सबसे सफल और करिश्माई कप्तान, महेंद्र सिंह धोनी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने अपने प्रतिष्ठित ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल कर लिया है। यह सम्मान पाने के बाद धोनी दुनिया के उन चुनिंदा महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इस खेल पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
ICC ने की आधिकारिक घोषणा
सोमवार को ICC द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में इस बात की पुष्टि की गई। धोनी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज मैथ्यू हेडन, और दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज हाशिम अमला और ग्रीम स्मिथ को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है। ICC ने अपने प्रेस बयान में धोनी के शानदार करियर की सराहना करते हुए लिखा, “भारत के लिए 17,266 अंतर्राष्ट्रीय रन, विकेट के पीछे 829 शिकार और 538 मैचों का अनुभव, धोनी के आंकड़े न केवल उनकी उत्कृष्टता को दर्शाते हैं, बल्कि उनकी असाधारण निरंतरता और फिटनेस का भी प्रमाण हैं।”
सम्मान पाकर क्या बोले ‘कैप्टन कूल’?
इस अविश्वसनीय सम्मान को प्राप्त करने के बाद, एमएस धोनी ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना एक बहुत बड़ा सम्मान है। यह दुनिया भर की विभिन्न पीढ़ियों के क्रिकेटरों के योगदान को मान्यता देता है। सर्वकालिक महान खिलाड़ियों के साथ अपना नाम जुड़ना एक अद्भुत एहसास है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसे मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा।”
कप्तानी का वो दौर, जिसने बदल दी भारतीय क्रिकेट की तस्वीर
एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिनके नेतृत्व में भारत ने ICC की तीनों बड़ी ट्रॉफियां – वनडे विश्व कप (2011), टी20 विश्व कप (2007), और चैंपियंस ट्रॉफी (2013) जीती हैं। उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में भी नंबर 1 के पायदान पर पहुंची, जो उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।
2007 T20 विश्व कप: एक नए युग की शुरुआत
ICC ने उस दौर को भी याद किया जब धोनी को 2007 में पहली बार टी20 विश्व कप के लिए कप्तानी सौंपी गई थी। यह एक साहसिक फैसला था, क्योंकि उस समय टीम में कई वरिष्ठ खिलाड़ी नहीं थे और 50 ओवर के विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद टीम का मनोबल गिरा हुआ था।
विज्ञप्ति में कहा गया, “धोनी के नेतृत्व में रोहित शर्मा, आरपी सिंह, और रॉबिन उथप्पा जैसे युवा खिलाड़ियों की एक नई पीढ़ी ने निडर क्रिकेट खेला। यह रणनीति बेहद कारगर साबित हुई और भारत ने फाइनल में अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पहला टी20 विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया।” यहीं से धोनी के कप्तानी के उस सुनहरे दौर की शुरुआत हुई, जिसने उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान बना दिया।
भले ही 43 वर्षीय धोनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन आईपीएल में उनका जलवा आज भी कायम है। उनका ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होना भारतीय क्रिकेट के लिए एक गौरव का क्षण है।
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