देश के नायकों की स्मृतियों को अपने हृदय में संजोते हुए हम राष्ट्र निर्माण के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे- राजनाथ सिंह
कारगिल युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय की 23वीं वर्षगांठ पर देश ने इस युद्ध के नायकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जुलाई। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान हुई ऐतिहासिक विजय की 23वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश आज इस युद्ध के बहादुर सेना नायकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। प्रति वर्ष इस दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर. हरिकुमार और वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बी.आर. चौधरी ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया और 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारत की जीत सुनिश्चित करने वाले सेना नायकों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखी आगन्तुक पुस्तिका पर लिखे संदेश में श्री राजनाथ सिंह ने युद्ध के दौरान सशस्त्र सेनाओं के नायकों द्वारा प्रदर्शित वीरता और उनके बलिदान को याद किया, जिसकी वजह से देश की एकता और अखंडता की रक्षा हो सकी। उन्होंने लिखा, “राष्ट्र सशस्त्र सेनाओं द्वारा दिए गए बलिदान के लिए हमेशा आभारी रहेगा। उनकी स्मृतियां अपने हृदय में संजोकर हम पूरी ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण के पथ पर अग्रसर रहेंगे।”
एक ट्वीट में रक्षामंत्री ने इन बहादुर जांबाजों की वीरता और अदम्य साहस की भी सराहना की, जोकि भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।
On Kargil Vijay Diwas, India salutes the bravery, courage and sacrifice of our armed forces. They fought valiantly in extremely harsh conditions to defend our motherland. Their act of valour & indomitable spirit will remain etched forever as a defining moment in India’s history. pic.twitter.com/XSE24gM20r
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2022
कारगिल युद्ध के इन शहीदों की याद में द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक समेत देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के वीर जवानों ने भारतीय वायुसेना की मदद से दुर्गम क्षेत्रों, बेहद खराब मौसम जैसी विषम स्थितियों में उस शत्रु पर विजय प्राप्त की जो ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमाए बैठा था।
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