सीबीजी संयंत्र किसानों तथा पर्यावरण के लिए समग्र रूप से लाभकारी स्थिति में आने की दिशा में एक लंबी छलांग है- हरदीप एस पुरी

 केंद्रीय मंत्री हरदीप एस. पुरी ने संगरुर में एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र का उद्घाटन किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19अक्टूबर। पंजाब के संगरुर के लेहरागागा में एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र का उद्घाटन के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) संयंत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा कि संगरुर का यह संयंत्र सीबीजी आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भारत के मास्टर प्लान की केवल शुरुआत भर है। उन्होंने कहा कि सीबीजी समय की मांग है और सरकार इसके इर्द-गिर्द के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।

हरदीप एस. पुरी ने मंगलवार को संगरुर में एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र को जर्मनी की अग्रणी बायो एनर्जी कंपनियों में से एक वर्बियो एजी द्वारा 220 करोड़ रुपये (लगभग) के एफडीआई निवेश के साथ कमीशन किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान तथा वर्बियो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारी कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित थे।

हरदीप एस. पुरी द्वारा संगरुर में कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) संयंत्र का उद्घाटन निम्न लागत परिवहन की दिशा में टिकाऊ वैकल्पिक (एसएटीएटी) स्कीम, जिसे भारत सरकार द्वारा अक्टूबर, 2018 में देशभर में विभिन्न अपशिष्ट/बायोमास स्रोतों से कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) के उत्पादन के लिए एक परितंत्र स्थापित करने के लिए लांच किया गया था, के लक्ष्यों को अर्जित की ओर एक कदम है। इस स्कीम का उद्देश्‍य किसानों की सहायता करने के द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त तथा मुक्त बनाना, भारत के घरेलू ऊर्जा उत्पादन और आत्मनिर्भरता को बढ़ाना तथा वायु प्रदूषण में कमी लाना तथा विश्व में एक स्वच्छ ऊर्जा परिगमन की दिशा में भारत का नेतृत्व करना शामिल है। इस संयंत्र के अतिरिक्त, एसएटीएटी पहल के तहत 38 सीबीजी / बायो गैस संयंत्रों को कमीशन किया गया है।

संगरुर स्थित सीबीजी संयंत्र 20 एकड़ (लगभग) के क्षेत्र में फैला हुआ है। संयंत्र का वर्तमान उत्पादन लगभग 6 टीपीडी सीबीजी है लेकिन शीघ्र ही यह संयंत्र 10,000 क्यूबिक मीटर के 8 डाइजेस्टरों का उपयोग करने के जरिये 33 टीपीडी सीबीजी का उत्पादन करने की अधिकतम क्षमता के साथ 300 टन प्रति दिन धान की पुआल का प्रसंस्करण करेगा।

सीबीजी संयंत्र के उद्घाटन के दिन के महत्व को नोट करते हुए हरदीप एस. पुरी ने कहा कि इस संयंत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कृषक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं तथा लाभों की घोषणा किए जाने के बाद की गई है। कल प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण स्कीम की 12वीं किस्त जारी की। 16,000 करोड़ रुपये तत्काल किसानों-लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरण कर दिए गए। पीएम-किसान स्कीम के तहत 12 लाख से अधिक किसान लाभार्थियों को कवर किया गया है। प्रधानमंत्री ने 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) का भी उद्घाटन किया जो न केवल उर्वरक के लिए विक्रय केंद्र होंगे बल्कि यह देश के किसानों के साथ एक प्रगाढ़ संबंध स्थापित करने के लिए एक तंत्र का काम भी करेगा। उन्होंने कल प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना – एक राष्ट्र एक उर्वरक स्कीम भी लांच की जो ‘किसानों के लिए भारत ब्रांड’ के तहत किफायती गुणवत्तापूर्ण उर्वरक सुनिश्चितत करने की योजना है।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सीबीजी संयंत्रों की गई पहलें किसानों तथा पर्यावरण के लिए समग्र रूप से लाभकारी स्थिति में आने की दिशा में एक लंबी छलांग है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संगरुर सीबीजी संयंत्र के लाभों की चर्चा करते हुए, श्री पुरी ने कहा कि यह संयंत्र 100,000 टन धान के भूसे की खपत करेगा जिसकी खरीद संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे के भीतर 6-8 उपग्रह स्थलों से की जाएगी। प्रति दिन लगभग 600-650 टन एफओएम (फर्मेंटेड जैविक खाद) का उत्पादन होगा जिसका उपयोग जैविक खेती के लिए किया जा सकता है। सीबीजी संयंत्र प्रत्यक्ष रूप से 390 लोगों को तथा अप्रत्यक्ष रूप से 585 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।

पुरी ने यह भी कहा कि इस संयंत्र से न केवल संगरुर के किसानों के लिए अतिरिक्त आय की प्राप्ति होगी बल्कि यह पराली जलाये जाने का एक बहुत आवश्यक विकल्प भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि संगरुर सीबीजी संयंत्र 40,000 – 45,000 एकड़ खेतों में पराली जलाने में कमी लाएगा जिससे वार्षिक रूप से 150,000 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट आएगी जो न केवल पंजाब के संगरुर के नागरिकों को स्वच्छ वायु में सांस लेने में मदद करेगा बल्कि 2070 तक निवल शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए अभी से 2030 तक एक बिलियन टन द्वारा कुल अनुमानित कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन के भारत के सीओपी 26 जलवायु परिवर्तन उद्देश्‍यों की दिशा में भी योगदान देगा।

कैस्केड्स, कंप्रेशर्स तथा डिस्पेंसर्स जैसे सीबीजी संयंत्र उत्पादन के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए हरदीप एस. पुरी ने कहा कि इससे भारत भर के विनिर्माण क्षेत्र में ‘मेक इन इडिया’ अवसरों में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि हम संयंत्रों की स्थापना के लिए सस्ता ऋण उपलब्ध कराने के लिए हितधारकों के साथ काम कर रहे हैं।

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