समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 जुलाई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को एक बड़ी सफलता हासिल की जब उसने 25 साल से फरार कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया। इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर अमेरिका में हिरासत में ली गई मोनिका कपूर को सीबीआई की टीम अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट AA 292 से दिल्ली लेकर आई।
नकली दस्तावेज़ बनाकर करोड़ों का घोटाला
सीबीआई के मुताबिक मोनिका कपूर ने अपने भाइयों राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर 1998 में फर्जी शिपिंग बिल, चालान और बैंक सर्टिफिकेट तैयार कर एक्सपोर्ट डॉक्यूमेंट्स में धोखाधड़ी की। इस साजिश के तहत इन्होंने ज्वेलरी निर्माण और निर्यात के लिए ड्यूटी-फ्री सामग्री मंगाने के नाम पर छह लाइसेंस हासिल किए और इन्हें प्रीमियम पर अहमदाबाद की दीप एक्सपोर्ट्स को बेच दिया। इस धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को करीब 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
दो भाई दोषी करार, मोनिका ने भागकर बचाई जान
सीबीआई ने 2004 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। राजन खन्ना और राजीव खन्ना को 2017 में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दोषी ठहराया था। लेकिन मोनिका कपूर जांच और ट्रायल से बचने के लिए 1999 में अमेरिका चली गई और वहां की वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी रुकी रही। कोर्ट ने 2006 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था
अमेरिका ने कई कानूनी चुनौतियों के बाद सौंपी मोनिका
भारत ने अक्टूबर 2010 में मोनिका के प्रत्यर्पण की मांग की थी। न्यूयॉर्क की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 2012 में इसे मंजूरी दी, लेकिन मोनिका ने मानवाधिकार उल्लंघन और यातना के बहाने कोर्ट में कई अपीलें दायर कीं। लंबे कानूनी संघर्ष के बाद आखिरकार मार्च 2025 में अमेरिका की कोर्ट ऑफ अपील्स ने प्रत्यर्पण को सही ठहराया। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मोनिका कपूर के प्रत्यर्पण वारंट पर साइन किए।
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