इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने फिल्म अभिनेता शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन को ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार करने वाले एनसीबी के तत्कालीन जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ,उसके दो साथी अफसरों समेत पांच लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
समीर वानखेड़े और उसके साथियों का इरादा
शाहरुख़ खान से 25 करोड़ रुपए की उगाही करने का था .
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एनसीबी, मुंबई जोन इकाई के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े (आईआरएस अधिकारी), तत्कालीन सुपरिटेंडेंट विश्व विजय सिंह , तत्कालीन इंटेलिजेंस अफसर आशीष रंजन, दो निजी व्यक्तियों के पी गोसावी, सांविल डीसूजा तथा अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है.
एनसीबी ने मामला दर्ज कराया-
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), दिल्ली की शिकायत के आधार पर सीबीआई द्वारा जांच करने हेतु यह मामला दर्ज किया गया है.
आरोप है कि मुंबई क्षेत्र के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उक्त कर्मियों ने मुंबई क्षेत्र के मामला संख्या 94/2021, जिसे पूर्व में मुंबई क्षेत्र, एनसीबी के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की देखरेख में दर्ज किया गया एवं जांच की गई.
पैसा वसूलने की साजिश-
इन अफसरों ने जबरन वसूली करने के लिए आपराधिक साज़िश के तहत यह मामला दर्ज किया. एनसीबी के मामला संख्या 94/2021 के कथित आरोपियों से रिश्वत के रूप में अनुचित लाभ प्राप्त किया.
शिप पर छापा-
आरोप है कि एनसीबी के मुंबई क्षेत्र में अक्टूबर, 2021 के दौरान एक निजी क्रूज शिप पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा नारकोटिक्स पदार्थों के सेवन/ ड्रग्स अपने पास रखने से संबंधित एक सूचना प्राप्त हुई थी.
इस शिप पर छापा मार कर ही आर्यन खान और उसके साथियों को पकड़ा गया था.
25 करोड़ वसूलने का इरादा-
उक्त व्यक्तियों ने तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के निर्देशों के अनुसार एनसीबी, मुंबई के मामला संख्या 94/2021 के कथित आरोपियों के परिवार के सदस्यों से, नारकोटिक्स पदार्थों को रखने के अपराध के आरोप की धमकी देकर 25 करोड़ रुपए की उगाही हेतु षड़यंत्र किया.
50 लाख वसूले-
उक्त व्यक्तियों द्वारा इस षड़यंत्र को आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपए की टोकन राशि प्राप्त की गई.
छापेमारी-
सीबीआई ने इन सभी के मुंबई, दिल्ली, रांची, लखनऊ, चेन्नई और गुवाहाटी में लगभग 29 ठिकानों पर छापे मारे. इन छापों में नकद रकम, आपत्तिजनक वस्तुएं और दस्तावेज बरामद हुए है
आर्यन खान को क्लीन चिट-
साल 2021 में समीर वानखेड़े और उसकी टीम ने एक शिप पर छापा मार कर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कथित ड्रग्स मामले गिरफ्तार किया था. इस मामले में एनसीबी ने बाद में आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी थी. आर्यन खान ड्रग्स केस में एनसीबी के डीजी एन एस प्रधान ने माना था कि आर्यन खान के केस में वानखेड़े से जांच में गलतियां हुई हैं. चार्जशीट में 14 लोगों का दोषी बनाया गया था जिसमें आर्यन खान का नाम शामिल नहीं था. आर्यन खान के अलावा अविन साहू, गोपाल जी आनंद, समीर साईघन, भास्कर अरोड़ा, मानव सिंघल को भी बरी कर दिया गया था.
समीर वानखेड़े की 25 करोड़ रुपए वसूलने की साज़िश की पूरी कहानी —
सीबीआई ने समीर वानखेड़े और बाकी चार आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में खुलासा किया है कि कैसे इन लोगों ने शाहरुख खान के बेटे ऑर्यन खान को फंसाया. समीर वानखेड़े अपने साथ इस साजिश में अपने दो अधिकारियों वी वी सिंह और आशिष रंजन को शामिल किया जिन्होने के पी गोसावी और सांविल डिसुजा से मिल कर उगाही की इस योजना को बनाया.
इसी योजना के तहत 2 अक्टूबर 2021 को एक प्राइवेट क्रूज से ऑर्यन खान समेत दूसरे आरोपियों को नशे का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. लेकिन समीर वानखेड़े और दूसरे आरोपी अपनी योजना में सफल हो पाते उससे पहले ही ये मामला सुर्खियों में आ गया क्योंकि इसमें शाहरुख खान का बेटा भी शामिल था. मामले की गंभीरता को देखते हुये सीनियर अधिकारियों ने इस मामले पर नजर रखनी शुरू की.
एनसीबी के चीफ विजिलेंस अफसर / डिप्टी डायरेक्टर जनरल ग्यानेशवर सिंह ने 21 अक्टूबर 2021 को स्पेशल जांच टीम का गठन किया, जिसने समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच की.
जांच में पाया गया कि समीर वानखेड़े जोकि मुंबई जोन का डायरेक्टर था उन्होंने अपनी टीम वी वी सिंह, आशिष रंजन और दो प्राइवेट गवाह के पी गोसावी और अपने बॉडीगॉर्ड प्रभाकर सैल के साथ मिल कर प्राइवेट क्रूज पर छापा मारा.
सबूत थे फिर भी छोड़ दिया-
जांच के दौरान आरोपियों ने 27 लोगों को पकड़ा था जो कि आई नोट यानी इंफॉर्मेशन नोट से पता चलता है लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया और 10 नाम जोड़े गए. जिसमें से कुछ नाम बाद में जोड़े गए थे. जांच में पता चला कि इसमें कुछ लोग जिनके खिलाफ सबूत थे उनको मौके पर ही छोड़ दिया गया और ऑर्यन खान जिसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था उसे पकड़ा गया.
सिद्धार्थ शाह जिसने अरबाज मर्चेंट को चरस लाकर दी थी और एनसीबी अधिकारियों को अरबाज के पास से चरस भी बरामद हुई थी.लेकिन बिना किसी वजह से सिद्धार्थ को छोड़ दिया गया, जबकि उसने मौके पर इस बात को माना था कि उसने अरबाज मर्चेंट को चरस ला कर दी है.
केपी गोसावी अपनी गाड़ी में आर्यन खान को लेकर गया. इसके अलावा समीर वानखेड़े ने वी वी सिंह को कहा कि ऑर्यन खान को के पी गोसावी को ले जाने दे, जिससे ऐसे लगे की के पी गोस्वामी एनसीबी का अधिकारी है. के पी गोसावी ऑर्यन खान को ना सिर्फ पकड़ कर एनसीबी के दफ्तर अपनी प्राइवेट गाड़ी में लेकर गया, बल्कि इस तरह दिखाया कि वह एक जांच अधिकारी है जबकि वहां दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे. इसके अलावा समीर ने के पी गोस्वामी जोकि सिर्फ एक प्राइवेट गवाह था, उसे आर्यन खान के पास रहने दिया, सेल्फी खींचने दी और उसकी आवाज में मैसेज रिकॉर्ड करने दिया, जिससे वो अपने उगाही के मकसद में कामयाब हो सके.
18 करोड़ –
आरोप है कि इसी के बाद के पी गोसावी ने अपने साथी सांविल डिसूजा के साथ मिल कर शाहरुख खान से आर्यन खान को बचाने के बदले 25 करोड़ मांगे. समझौता 18 करोड़ में तय हुआ और 50 लाख रुपये दे भी दिए गए. लेकिन मामला जब सुर्खियों में आ गया और बात हाथ से निकलने लगी, तो कुछ पैसे वापस कर दिए गए. गोसावी को 28 अक्टूबर 2021 को ही पुणे पुलिस ने धोखाधड़ी के एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया था.
विदेशी घड़ियों का धंधा-
इसके अलावा स्पेशल जांच टीम ने समीर वानखेड़े की और जांच की तो पता चला कि वो कई बार विदेश दौरों पर जा चुका और काफी खर्चा किया है लेकिन इसकी पूरी जानकारी ना तो एनसीबी और ना ही अपने पेरेंट कैडर (यानी आईआरएस- कस्टम एवं सेंट्रल एक्साइज विभाग) को दी. जांच में ये भी पता चला कि समीर विदेशी और महंगी घडियों के खरीदने और बेचने का काम भी करता है जिसकी जानकारी नहीं दी गई.
आर्यन खान के खिलाफ सबूत नहीं-
आर्यन खान समेत 6 के खिलाफ नहीं दाखिल की गई चार्जशीट
इस पूरे मामले की जांच के बाद एनसीबी ने प्राइवेट क्रूज से गिरफ्तार 14 आरोपियों के खिलाफ 27 मई 2022 को चार्जशीट दाखिल की दी.लेकिन ऑर्यन खान समेत 6 लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे.इसलिए उनके खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल की गई थी. क्रूज पर छापेमारी के दौरान मौजूद के पी सिंह का बॉडीगॉर्ड प्रभाकर सैल की चार्जशीट दाखिल होने से एक महीना पहले अप्रैल 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.
एनसीबी की एसईटी जांच के बाद 11 मई 2023 को एनसीबी के अधिकारी की तरफ से समीर वानखेड़े, वी वी सिंह, आशिष रंजन, के पी गोसावी और सांविल डिसूजा के खिलाफ शिकायत दी गयी, जिसके बाद उसी दिन मामला दर्ज कर सीबीआई ने समीर वानखेडे और दूसरे आरोपियों के 29 ठिकानों पर छापेमारी कर अहम सबूत जुटाए.
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